Nepal Protests: लंबी चुप्पी के बाद ओली का बयान! ‘फायरिंग का आदेश मेरा नहीं था’, Gen Z’ पर गोली चलवाने से किया इनकार

नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और CPN-UML के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा देने के बाद पहली बार सार्वजनिक मंच पर वापसी की है। 8 सितंबर को हुए Gen-Z विरोध प्रदर्शनों के बाद उनकी यह वापसी चर्चा का विषय बनी है।

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  • Publish Date - September 28, 2025 / 09:45 AM IST,
    Updated On - September 28, 2025 / 09:45 AM IST

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HIGHLIGHTS
  • ओली बोले – “मैंने जेन-जी प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश नहीं दिया।”
  • हिंसा और आगजनी के लिए ‘घुसपैठियों’ को बताया जिम्मेदार।
  • पहले भी भारत पर आरोप लगाते रहे हैं ओली, कालापानी-लिपुलेख मुद्दा दोहराया।

Nepal Protests: नेपाल की राजनीति एक बार फिर विवादों में घिरी है। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और CPN-UML के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा देने के बाद पहली बार सार्वजनिक मंच पर वापसी की है। 8 सितंबर को हुए Gen-Z विरोध प्रदर्शनों के बाद उनकी ये वापसी चर्चा का विषय बन रही है। हाल ही में प्रधानमंत्री पद से हटे केपी शर्मा ओली ने जेन-जी आंदोलन पर सफाई देते हुए बड़ा बयान दिया है।

नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने हाल ही में एक बयान देते हुए कहा कि मौजूदा सरकार को ‘जेन-Z सरकार’ कहा जा रहा है, जो न तो संवैधानिक प्रक्रियाओं से बनी है और न ही जनमत से। उन्होंने आरोप लगाया कि ये सरकार हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ के जरिए सत्ता में आई है। ओली ने बिना किसी का नाम लिए, अप्रत्यक्ष रूप से प्रधानमंत्री सुशीला कार्की की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार पर निशाना साधा। बता दें कि 73 वर्षीय कार्की ने 12 सितंबर को कार्यभार संभाला था, जिसके साथ ही ओली को सत्ता से हटाए जाने के बाद का राजनीतिक असमंजस खत्म हुआ।

गौरतलब है कि ओली की सरकार के दौरान भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध जैसे मुद्दों को लेकर युवाओं के ‘Gen Z’ समूह ने उग्र प्रदर्शन किए थे, जिनमें हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था। ओली ने कहा कि उन्होंने कभी भी प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश नहीं दिया। भक्तपुर जिले के गुंडू इलाके में अपने आवास पर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ओली ने कहा, “प्रदर्शनकारियों पर ऑटोमैटिक हथियारों से गोलियां चलाई गईं। ऐसे हथियार पुलिस के पास नहीं होते। इसका मतलब साफ है कि इस पूरे मामले में बाहरी ताकतों की भूमिका रही है। इसलिए जांच होनी चाहिए।”

हिंसा और आगजनी पर चिंता जताई

ओली ने आंदोलन के दौरान हुई हिंसा और आगजनी पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कई लोगों की जान गई और देश की छवि को नुकसान हुआ। उनके अनुसार, असली जेन-जी प्रदर्शनकारी तो सिर्फ बदलाव चाहते थे, लेकिन बीच में घुसपैठियों ने हालात बिगाड़ दिए।

आंदोलन को पटरी से उतारने की साजिश

पूर्व प्रधानमंत्री का कहना था कि ये विश्वास के साथ कहा जा सकता है कि नेपाल की नई पीढ़ी कभी सिंह दरबार (प्रधानमंत्री कार्यालय और सचिवालय परिसर) या सरकारी इमारतों को आग नहीं लगा सकती। उन्होंने कहा कि असली युवाओं को बदनाम करने और आंदोलन को पटरी से उतारने की साजिश हुई।

भारत पर निशाना साधने की ये पहली बार नहीं

Nepal Protests: ये पहली बार नहीं है जब ओली ने विवादास्पद बयान दिया हो। भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अव्यवस्था के आरोपों के बीच उन्हें पद छोड़ना पड़ा था। लेकिन अपनी गलती स्वीकारने की बजाय उन्होंने अक्सर भारत पर निशाना साधा। ओली पहले भी कह चुके हैं कि अयोध्या, भगवान राम का जन्मस्थान, कालापानी और लिपुलेख जैसे मुद्दों पर उनके सख्त रुख की वजह से उनकी सरकार को अस्थिर किया गया।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ओली की राजनीति हमेशा से राष्ट्रवाद और बाहरी ताकतों पर आरोप लगाने पर टिकी रही है। जेन-जी आंदोलन नेपाल की नई पीढ़ी का भ्रष्टाचार और अराजकता के खिलाफ बड़ा आंदोलन माना जा रहा था। लेकिन हिंसा और गोलीबारी के बाद इसकी छवि कमजोर पड़ी। अब ओली की सफाई पर ये सवाल उठ रहा है कि क्या जनता उन्हें दोबारा भरोसा करेगी या इसे भी उनकी रणनीति का हिस्सा मानेगी।

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जेन-जी आंदोलन क्या था?

यह नेपाल में युवाओं द्वारा भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अराजकता के खिलाफ शुरू किया गया जनआंदोलन था।

गोलीकांड में किस पर आरोप लगा?

आंदोलन के दौरान हुई फायरिंग के लिए ओली सरकार पर सवाल उठे, लेकिन ओली का दावा है कि इसमें घुसपैठियों का हाथ था।

ओली भारत पर क्यों आरोप लगाते हैं?

उनका कहना है कि अयोध्या, कालापानी और लिपुलेख जैसे मुद्दों पर उनके रुख की वजह से उनकी सरकार को निशाना बनाया गया। प्रश्न

क्या जांच की मांग की गई है?

हाँ, ओली ने गोलीबारी और हिंसा की स्वतंत्र जांच की मांग की है।