Bangladesh Chief Justice resigns
ढाका : Bangladesh Chief Justice resigns कुछ दिनों पहले बांग्लादेश में भड़की हिंसा के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा देने के बाद देश छोड़ कर चली गई । अब यह बताया जा रहा है कि बांग्लादेश के चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन को प्रदर्शनकारियों ने इस्तीफा देने का अल्टीमेटम दिया है और जिसके बाद वे आज शाम तक अपना इस्तीफा सौंपने वाले हैं। ओबैदुल हसन को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का करीबी माना जाता है।
बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच अब देश के चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन ने अपने पद से हटने का फैसला लिया है। यहां बीते कई दिनों से जारी हिंसक विरोध प्रदर्शन का रूख अब सुप्रीम कोर्ट की तरफ मुड़ गया है। शनिवार को ढाका में हाई कोर्ट बिल्डिंग के सामने सैकड़ों प्रदर्शनकारी एकत्र हुए। उन्होंने चीफ जस्टिस समेत सात जजों के इस्तीफे की मांग की। प्रदर्शनकारी शांतिपूर्ण धरने पर बैठे हुए थे और उन्होंने स्पष्ट तौर पर कह दिया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे इस आंदोलन को जारी रखेंगे। इस बीच सुरक्षा को देखते हुए हाई कोर्ट परिसर में बांग्लादेश सेना के जवानों को तैनात किया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने धमकी दी है कि अगर जज अल्टीमेटम से पहले इस्तीफा नहीं देते हैं तो वे उनके आवासों का घेराव करेंगे। तनाव बढ़ने पर चीफ जस्टिस सुप्रीम कोर्ट परिसर से निकलकर चले गए थे और अंततः चीफ जस्टिस ने इस्तीफे का फैसला ले लिया।
Bangladesh Chief Justice resigns बता दें कि प्रदर्शनकारियों के हाथों में बांग्लादेश का राष्ट्रीय ध्वज था और वे अपनी मांगों को लेकर अडिग दिखे। बांग्लादेशी मीडिया प्रोथोम एलो के मुताबिक, इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व आसिफ महमूद साजिब कर रहे थे। जो नवगठित अंतरिम सरकार के सलाहकारों में से एक हैं। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी साझा करते हुए बताया कि प्रदर्शनकारियों की मांगें मुख्य न्यायाधीश समेत सात जजों के इस्तीफे को लेकर हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिला अदालतों का इस आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है और प्रदर्शनकारियों से अनुरोध किया कि वे जिला अदालतों के सामने धरना न दें।
दरअसल शनिवार को बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट के दोनों डिवीजनों के न्यायाधीशों के साथ एक पूर्ण अदालत की बैठक बुलाई गई थी परंत यह बैठक अचानक ही रद्द कर दी गई। सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल अजीज अहमद ने इस बैठक के रद्द होने की पुष्टि की। लेकिन उन्होंने इसके पीछे की वजह को बताया। आसिफ महमूद साजिब ने सोशल मीडिया पर बैठक रद्द होने के बाद कहा कि वे मुख्य न्यायाधीश के तत्काल इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जन आंदोलन की मांगों का सम्मान किया जाना चाहिए। इस पूरे घटनाक्रम ने बांग्लादेश के न्यायिक और राजनीतिक क्षेत्रों में खलबली मची हुई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में बांग्लादेश की दशा किस ओर रुख करती है।
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