कृषि मंत्री चौहान के बयान से मोदी सरकार की ‘किसान विरोधी’ साजिश उजागर हो गई: कांग्रेस

कृषि मंत्री चौहान के बयान से मोदी सरकार की ‘किसान विरोधी’ साजिश उजागर हो गई: कांग्रेस

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  • Publish Date - July 26, 2024 / 08:05 PM IST,
    Updated On - July 26, 2024 / 08:05 PM IST

नयी दिल्ली, 26 जुलाई (भाषा) कांग्रेस ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा राज्यसभा में दिए गए बयान को ‘जलेबी भाषण’ करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि इससे किसानों के खिलाफ ‘‘मोदी सरकार की साजिश’’ उजागर हो गई है।

पार्टी महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि देश का अन्नदाता एमएसपी से इनकार के लिए इस सरकार को कभी माफ नहीं करेगा।

विपक्ष पर किसानों के मुद्दों पर केवल राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि किसानों का कल्याण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिए वह पूरी जिम्मेदारी के साथ अथक परिश्रम करती रहेगी।

उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान सिंह ने पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने सहित विभिन्न मुद्दों पर विचार करने के लिए सरकार ने एक समिति का गठन किया था जिसकी नियमित बैठकें होती हैं।

उन्होंने कहा कि 22 जुलाई 2022 से समिति की छह बैठकें हो चुकी हैं और विभिन्न उपसमितियों की 35 बैठकें हुई हैं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आज राज्य सभा में केंद्रीय कृषि मंत्री से सीधा और स्पष्ट सवाल पूछा गया कि क्या भारत सरकार किसान संगठनों की मांग के अनुरूप एमएसपी की कानूनी गारंटी देगी। लगभग 30 मिनट तक वह सवाल का जवाब देने से बचने के लिए इधर-उधर की बातें करते रहे।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मुद्दा चावल, गेहूं और अन्य कृषि उत्पादों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी का था। लेकिन मंत्री जी सिर्फ जलेबी भाषण देते रहे।’’

सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा कि देश के अन्‍नदाता की रोटी छीनने का भाजपाई षड़्यंत्र आज संसद के पटल पर उजागर हुआ।

सुरजेवाला ने कहा, ‘‘भाजपा की किसान विरोधी मानसिकता की कलई आज सरेआम खुल गई। मोदी सरकार की ओर से देश के किसानों के लिए एमएसपी की गारंटी देने वाला कानून बनाने से इनकार कर दिया गया। फसल की औसत लागत से 50 प्रतिशत अधिक एमएसपी निर्धारित करने से भी इनकार कर दिया गया। औसत फसल लागत में पारिवारिक श्रम और भूमि का किराया भी शामिल है। मोदी जी ने 50 प्रतिशत मुनाफे का वादा किया था, लेकिन सरकार ने मना कर दिया।’’

उन्होंने दावा किया कि 72 करोड़ किसान मोदी सरकार के इस अहंकार को कभी माफ नहीं करेंगे।

सुरजेवाला ने कहा, ‘‘आज संसद में जो हुआ, वह हिंदुस्‍तान के इतिहास में एक काला दिन है। देश का किसान और खेतिहर मजदूर मोदी सरकार के इस इस काले दिन को याद रखेगा और उनके अहंकार को चकनाचूर भी करेगा।’’

भाषा हक हक संतोष

संतोष