महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ‘भाजपा को हराने’ के लिए एआईएमआईएम ने एमवीए से हाथ मिलाने की पेशकश की

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ‘भाजपा को हराने’ के लिए एआईएमआईएम ने एमवीए से हाथ मिलाने की पेशकश की

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  • Publish Date - August 20, 2024 / 10:52 AM IST,
    Updated On - August 20, 2024 / 10:52 AM IST

छत्रपति संभाजीनगर, 20 अगस्त (भाषा) ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के पूर्व सांसद इम्तियाज जलील ने कहा कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र में इस साल प्रस्तावित विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के लिए विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) से हाथ मिलाने की इच्छुक है।

महाराष्ट्र में अभी भाजपा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के महायुति गठबंधन की सरकार है।

एआईएमआईएम की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जलील ने मुंबई में पार्टी की एक बैठक के बाद मराठी समाचार चैनल ‘एबीपी माझा’ से बातचीत में यह टिप्पणी की।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “हमने लोकसभा चुनाव के दौरान ऐसा कहा था और अब हम एमवीए को फिर से हाथ मिलाने की पेशकश कर रहे हैं, क्योंकि हम भाजपा को हराना चाहते हैं। हालांकि, यह तय करना उनके जिम्मे है कि हमें गठबंधन में शामिल करना है या नहीं।”

जलील ने कहा, “अगर वे (एमवीए के घटक दल) हमें साथ लेकर चलते हैं, तो यह उनके लिए फायदेमंद होगा। अगर नहीं, तो हम अकेले आगे बढ़ने को तैयार हैं। अगर उन्हें लगेगा कि हमारे पास कुछ ताकत है या हमारा मजबूत वोट बैंक है तो वे संपर्क करेंगे, वरना नहीं।”

यह पूछे जाने पर कि क्या एआईएमआईएम को एमवीए के घटक दल शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी) से कोई दिक्कत नहीं है, जलील ने कहा, “भाजपा ने देश को नुकसान पहुंचाया है, इसलिए हम उसे किसी भी तरह सत्ता से दूर रखना चाहते हैं।”

हालांकि, उन्होंने प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) के साथ गठबंधन की संभावनाओं से इनकार किया।

महायुति सरकार की ‘लाडकी बहिन’ योजना पर निशाना साधते हुए जलील ने कहा, “इतने वर्षों बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को एहसास हुआ कि राज्य में उनकी इतनी बहनें हैं। अब महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के बाद सत्ता में बैठे लोग खुलेआम जनता से उन्हें (महायुति को) वोट देने के लिए कह रहे हैं… इससे साफ होता है कि बहनों के लिए कोई प्यार नहीं है। यह सिर्फ एक सौदा भर है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि ‘लाडकी बहिन’ योजना लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन को मिले झटके का नतीजा है।

महाराष्ट्र में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। कुछ महीने पहले हुए लोकसभा चुनावों में एमवीए ने राज्य की 48 संसदीय सीटों में से 31 पर जीत दर्ज की थी, जबकि महायुति गठबंधन को 17 सीटों से संतोष करना पड़ा था।

भाषा पारुल मनीषा

मनीषा

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