राज्यसभा में उठे वायु प्रदूषण, आंगनवाड़ियों के आधुनिकीकरण और भोजपुरी अकादमी के मुद्दे

राज्यसभा में उठे वायु प्रदूषण, आंगनवाड़ियों के आधुनिकीकरण और भोजपुरी अकादमी के मुद्दे

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  • Publish Date - December 2, 2025 / 02:51 PM IST,
    Updated On - December 2, 2025 / 02:51 PM IST

नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) राज्यसभा में मंगलवार को शून्यकाल के दौरान सदस्यों ने बढ़ते वायु प्रदूषण, आंगनवाड़ी रसोईघरों के आधुनिकीकरण और भोजपुरी साहित्य अकादमी की स्थापना सहित विभिन्न मुद्दे उठाए।

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अयोध्या रामी रेड्डी अला ने शून्यकाल में वायु प्रदूषण का मुद्दा उठाया। इस समस्या को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातस्थिति बताते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में हर सात में से एक व्यक्ति समयपूर्व मृत्यु के जोखिम का सामना कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि पिछले वर्ष 17,000 से अधिक मौतों का सीधे तौर पर खराब वायु गुणवत्ता से संबंध था और राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक अक्सर ‘गंभीर’ श्रेणी में बना रहता है।

रेड्डी ने विशाखापट्टनम में भी इसी तरह के संकट का जिक्र किया, जहां पिछले सात वर्षों में पीएम10 स्तर 32.7 प्रतिशत बढ़ा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत आंध्र प्रदेश को आवंटित 129.4 करोड़ रुपये में से केवल 39.64 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए, जिससे निगरानी, विभागीय समन्वय और स्थानीय प्रवर्तन में गंभीर कमी उजागर होती है।

उन्होंने कहा कि अनियंत्रित वायु प्रदूषण भारत को सालाना सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का तीन प्रतिशत से अधिक नुकसान पहुंचाता है और इसके समाधान के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति, विश्वसनीय डेटा, जन-जागरूकता और सही समय पर उचित कार्रवाई की आवश्यकता है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्य रेखा शर्मा ने आंगनवाड़ियों में पोषण को ध्यान में रखते हुए रसोईघरों के आधुनिकीकरण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू करने की मांग की।

शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए उन्होंने स्टेनलेस स्टील के बर्तन और भंडारण सुविधाएं, स्वच्छ भोजन तैयार करने के काउंटर, सुरक्षित पेयजल इकाइयां और हवादार रसोईघर के लिए ‘‘एग्जॉस्ट सिस्टम’’ जैसी उन्नत सुविधाएं उपलब्ध कराने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी नेटवर्क देश की महत्वपूर्ण सामाजिक उपलब्धि है, लेकिन पोषण रसोईघर आज की जरूरतों के अनुसार उन्नत किए जाने चाहिए।

शर्मा ने बाजरा-आधारित पोषक आहार के महत्व पर जोर दिया और उन राज्यों से इस मॉडल को अपनाने की अपील की, जहां यह अभी लागू नहीं है। उन्होंने पोषक आहार की आपूर्ति के लिए स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के एकीकरण और आंगनवाड़ियों में डिजिटल निगरानी तथा विकास पर नजर रखने वाली प्रणालियों को मजबूत करने की भी मांग की।

भाजपा के ही कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण सिंह ने उत्तर प्रदेश के कुशीनगर और देवरिया में केन्द्रीय भोजपुरी साहित्य अकादमी की स्थापना की मांग की। उन्होंने कहा कि यह संस्था सीमांचल, मिथिला और नेपाल के साहित्यकारों व कलाकारों को मंच प्रदान करेगी और भोजपुरी भाषा को विलुप्त होने से बचाने में मदद करेगी।

उन्होंने बताया कि दिल्ली, बिहार और मध्य प्रदेश में भोजपुरी अकादमियां हैं, लेकिन भोजपुरी भाषा के हृदय-प्रदेश उत्तर प्रदेश में ऐसी कोई अकादमी नहीं है। अपनी बात भोजपुरी में रखते हुए उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया भर में 25 करोड़ से अधिक लोग भोजपुरी बोलते हैं।

शून्यकाल के दौरान ही भाजपा की ममता मोहंता और निर्दलीय सांसद कार्तिकेय शर्मा ने भी अपने-अपने मुद्दे उठाए।

भाषा मनीषा अविनाश

अविनाश