नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की उच्च-प्रभाव वाली सैन्य क्षमता का प्रदर्शन किया और पाकिस्तान स्थित कई आतंकी ठिकानों पर हमले के बाद पड़ोसी देश की ‘‘गैर जिम्मेदाराना प्रतिक्रिया’’ से निपटने के लिए भारतीय वायुसेना की सराहना की।
सिंह ने भारतीय वायुसेना के शीर्ष कमांडरों को संबोधित करते हुए वायुसेना को तकनीकी रूप से उन्नत, संचालन में चुस्त, रणनीतिक रूप से आत्मविश्वासी और भविष्य-केंद्रित बल बताया, जो लगातार बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य में राष्ट्रीय हितों की रक्षा कर रहा है।
रक्षामंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आतंकी शिविरों को नष्ट करने में भारतीय वायुसेना के साहस, गति और सटीकता की प्रशंसा की।
सिंह ने निर्णायक बढ़त बनाए रखने के लिए दुश्मन की आक्रामक एवं रक्षात्मक क्षमताओं को गहराई से समझने के महत्व पर जोर देते हुए कमांडरों से ऑपरेशन सिंदूर से सबक लेने और भविष्य की हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहने का आह्वान भी किया।
उन्होंने यहां वायुसेना कमांडर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘सामान्यत: जब दुश्मन हमला करता है, तो लोग छिप जाते हैं। लेकिन जब पाकिस्तानी बलों ने भारतीय प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की कोशिश की, तो भारत के लोग शांत रहे और अपनी दैनिक गतिविधियां जारी रखीं। यह हमारे संचालन तैयारी में हर भारतीय के भरोसे का प्रमाण है।’’
युद्ध की बदलती प्रकृति पर सिंह ने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष, इजराइल-हमास युद्ध, बालाकोट हवाई हमले और ऑपरेशन सिंदूर यह सब प्रमाण हैं कि आज के समय में वायु शक्ति एक निर्णायक शक्ति के रूप में उभरी है।
उन्होंने कहा कि वायु शक्ति केवल एक सामरिक साधन ही नहीं, बल्कि एक रणनीतिक उपकरण भी है और गति, हैरान करना इसकी अंतर्निहित विशेषताएं हैं।
सिंह ने कहा, “वायु शक्ति किसी भी नेतृत्व को यह स्पष्ट सामरिक संदेश देने की क्षमता देती है कि राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर कदम उठाया जाएगा।”
उन्होंने कहा, “गति, पहुंच और सटीकता के माध्यम से, वायु शक्ति देश के उद्देश्यों को सैन्य साधनों के साथ संरेखित करने का एक प्रभावी उपकरण बन गई है।”
सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान प्रभावी रूप से इस्तेमाल की गई भारत की वायु रक्षा प्रणाली और अन्य उपकरणों के प्रदर्शन की सराहना करते हुए, देश की सुरक्षा तंत्र को और मजबूत करने के लिए मोदी सरकार की प्रतिबद्धता दोहरायी।
रक्षा मंत्री ने कहा कि 21वीं सदी का युद्ध केवल हथियारों का युद्ध नहीं है, बल्कि यह विचारों, प्रौद्योगिकी और अनुकूलन क्षमता का युद्ध है। उन्होंने कहा, “साइबर युद्ध, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ड्रोन, उपग्रह आधारित निगरानी और अंतरिक्ष आधारित क्षमताएं भविष्य के युद्ध के तरीके को पूरी तरह बदल रही हैं।”
उन्होंने कहा, ‘‘सटीक मारक क्षमता वाले हथियार, वास्तविक समय की खुफिया जानकारी और डेटा-आधारित निर्णय लेना अब वैकल्पिक नहीं रहे; ये आधुनिक संघर्षों में सफलता के लिए मूलभूत आवश्यकता बन गए हैं। वे राष्ट्र जो प्रौद्योगिकी, रणनीतिक दृष्टि और अनुकूलन क्षमता में महारत हासिल करेंगे, वे वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ेंगे।’’
सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को सेना के तीनों अंगों के समन्वय का उज्ज्वल उदाहरण बताते हुए आज के तेजी से बदलते समय में समन्वय के महत्वता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘सेना के तीनों अंगों के बीच समन्वय अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे हमारा सुरक्षा तंत्र और मजबूत होगा और हम अपने विरोधियों से और भी प्रभावी ढंग से निपट सकेंगे।’’
सिंह ने विश्वास जताया कि इस साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में जिस सुदर्शन चक्र की घोषणा की थी, वह आने वाले समय में राष्ट्रीय संपत्तियों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि स्वदेशी जेट इंजन का विकास एक राष्ट्रीय मिशन बन गया है और सरकार इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
भाषा अमित रंजन
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