Air Strike Safety Tips/ Image Credit: flickr
Air Strike Safety Tips: जोधपुर, राजस्थान। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत लगातार सख्त एक्शन ले रहा है। मोदी सरकार ने आतंकियों को कल्पना से भी परे सजा देने की बात कही है। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को 7 मई को मॉक ड्रिल करने के निर्देश दिए हैं। कल यानि 7 मई को देशभर के 244 चिह्नित जिलों में 7 मई को बड़े पैमाने पर सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के आयोजन का निर्देश दिया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य आम जनता को युद्ध जैसी आपात स्थिति, विशेष रूप से हवाई हमले या अन्य हमलों से निपटने के लिए तैयार करना है। इस विषय पर कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने सलाह दी है।
एयर सायरन बजने पर क्या करें?
कल यानि 7 मई को एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा, जिसमें एयर रेड वॉर्निंग सायरन बजाया जाएगा। ये सुनकर आपके दिमाग में कई सवाल खड़े हो रहे होंगे की एयर रेड वॉर्निंग सायरन क्या होता है, इसके पीछे कौन सी टेक्नोलॉजी काम करती है? किस तरह से लोगों को सतर्क किया जाएगा? कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने कहा कि, ” कल, 7 मई को मॉक ड्रिल कराई जाएगी। उसमें एयर सायरन बजाए जाएंगे और उसके बाद आम जनता को यह बताया जाएगा कि एयर सायरन बजने पर उन्हें क्या करना है।
उन्होंने बताया कि, जब एयर सायरन बजते हैं तो एक एयर रेड की आशंका होती है। एयर रेड के अंदर यदि कोई बम फटता है तो तुरंत खुले इलाकों से हट जाएं और किसी सुरक्षित इमारत, घर, या बंकर में शरण लें। सिविल डिफेंस के 400 कर्मियों को भी सभी जगहों पर भेजा जाएगा ताकि वो वहां जाकर लोगों को इसके बारे में बताएं।”
एयर रेड सायरन क्या है?
एयर रेड सायरन एक चेतावनी देने वाला साउंड सिस्टम होता है, जिसका उपयोग युद्ध या आपातकालीन स्थिति में किया जाता है ताकि लोगों को संभावित हवाई हमले, मिसाइल हमले या अन्य खतरों से सतर्क किया जा सके। कई बार प्राकृतिक आपदा की स्थिति में भी इस सायरन को बजाया जाता है। यह सायरन आमतौर पर 60 सेकंड तक बजता है। सायरन बजने का मतबल है कि लोगों को किसी सुरक्षित स्थान पर जाने की जरूरत है। ऐसे में सायरन बजने के 5-10 मिनट के भीतर सुरक्षित स्थान पर पहुंचने का अभ्यास करें। यदि आपके क्षेत्र में बंकर उपलब्ध हैं, तो वहां जाएं।
1971 में किया गया था ऐसा अभ्यास
बता दें कि, केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए इस आदेश को काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि ये आदेश ऐसे समय में जारी किया गया है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है और कभी भी जंग छिड़ने जैसा माहौल है। पिछली बार ऐसा अभ्यास 1971 में किया गया था, जिस साल भारत और पाकिस्तान के बीच दो मोर्चों पर युद्ध हुआ था। सरकार के मुताबिक, मॉक ड्रिल के दौरान इन बातों पर जोर दिया जाएगा —