Amarnath Yatra 2024
वहीं, 147 वाहनों के एक अन्य सुरक्षा काफिले में 4,140 यात्री सुबह 4.10 बजे दक्षिण कश्मीर के नुनवान (पहलगाम) आधार शिविर के लिए रवाना हुए।” इस साल 52 दिन तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा 29 जून को शुरू हुई थी और 19 अगस्त को रक्षा बंधन पर समाप्त होगी। यात्री 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम-गुफा तीर्थ मार्ग से या फिर 14 किलोमीटर लंबे बालटाल-गुफा तीर्थ मार्ग से यात्रा करते हैं। पहलगाम मार्ग से गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं, जबकि बालटाल मार्ग से जाने पर ‘दर्शन’ करने के बाद उसी दिन वापस आधार शिविर लौट सकते हैं। समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित गुफा मंदिर में बर्फ की एक संरचना है जो चंद्रमा की कलाओं के साथ घटती-बढ़ती रहती है।
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Amarnath Yatra 2024: भक्तों का मानना है कि बर्फ की यह संरचना भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतीक है। इस वर्ष लगभग 300 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर, दोनों यात्रा मार्गों पर, दोनों आधार शिविरों पर और गुफा मंदिर में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं, ताकि यात्रा सुचारू और निर्बाध हो सके। दोनों मार्गों पर और पारगमन शिविरों और गुफा मंदिर में 124 से अधिक ‘लंगर’ लगाए गए हैं। इस वर्ष की यात्रा के दौरान 7,000 से अधिक ‘सेवादार’ (स्वयंसेवक) यात्रियों की सेवा कर रहे हैं। यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेलवे ने 3 जुलाई से अतिरिक्त ट्रेनें चलाने का फैसला किया है। दोनों मार्गों पर यात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं।