निर्भया के दोषियों में केवल विनय ने जाहिर की थी अंतिम ​इच्छा, फांसी पर लटकने से पहले कही ये बात… जानिए

निर्भया के दोषियों में केवल विनय ने जाहिर की थी अंतिम ​इच्छा, फांसी पर लटकने से पहले कही ये बात... जानिए

निर्भया के दोषियों में केवल विनय ने जाहिर की थी अंतिम ​इच्छा, फांसी पर लटकने से पहले कही ये बात… जानिए
Modified Date: November 29, 2022 / 08:25 pm IST
Published Date: March 21, 2020 10:22 am IST

नई दिल्ली। निर्भया के दोषियों को कल सुबह फांसी दे दी गई है, फांसी के फंदे पर लटकने से पहले निर्भया के चारों कातिलों में से केवल विनय ने ही अपनी अंतिम इच्छा जाहिर की। बाकी अन्य तीनों में मुकेश, अक्षय और पवन ने जेल अधिकारियों को इस बारे में कुछ नहीं कहा। विनय ने भी केवल इतना ही कहा था कि अगर आज सच में उन्हें फांसी दी जाती है, तो उसके द्वारा बनाई कुछ पेंटिंग्स में से एक पेंटिंग तो उसके मरने के बाद आप जेल सुपरिटेंडेंट को दे देना, बाकी उसकी अन्य पेंटिंग और सामान उसकी मां को दे दिया जाए।

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विनय के अलावा चारों में से किसी ने भी अपनी जिंदगी खत्म होने से पहले ना तो अपने बारे में ना अपने परिवार के बारे में जेल अधिकारियों से कुछ भी बात कही। जेल अधिकारियों का मानना है कि शायद इन चारों को अंतिम समय तक लग रहा था कि यह अब भी बच ही जाएंगे। इन्हें यह तो लग रहा था कि एक ना एक दिन इन्हें फांसी तो जरूर होगी, लेकिन फिलहाल वह अपनी फांसी टलवा लेंगे। शुक्रवार तड़के जब इन चारों को बताया गया कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से तुम्हारी फांसी नहीं रोकी गई है। यह सुनकर इन्हें झटका तो लगा, लेकिन फिर भी इनके चेहरे पढ़कर ऐसा नहीं लग रहा था कि अब बस सवा घंटे बाद ये मरने वाले हैं। उन्हें शायद फांसी पर लटकाने की सारी प्रक्रिया तब भी कोई ट्रायल ही लग रही थी।

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जेल अधिकारियों का कहना है कि चारों ने जेल में रहते हुए जो काम किए थे, उसके बदले में इनके अकाउंट में आठ-दस हजार रुपये होंगे। अब इनके बाद यह पैसा इनके परिजनों को दे दिया जाएगा। भले ही इन्होंने इस तरह की कोई बात मरने से पहले नहीं कही हो। चारों से इनकी अंतिम इच्छा के बारे में कई बार पूछा गया था। गुरुवार रात तक भी यह पूछा गया था कि क्या तुम परिवार में से किसी से मिलना चाहते हो, लेकिन इन्होंने कुछ नहीं बताया। एक दोषी के दोस्त मिलने आए थे लेकिन उस वक्त परिवार के अलावा किसी और से मिलने की इजाजत नहीं दी जा सकती थी।

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इनकी फांसी में हो रही देरी को लेकर शुक्रवार सुबह अन्य कैदियों में भी कुछ कैदी भड़क गए थे लेकिन तमिलनाडु स्पेशल पुलिस के माध्यम से सब सामान्य करा दिया गया। जब तक इन चारों के शव जेल से बाहर नहीं चले गए, तब तक जेल नंबर-3 के अन्य कैदियों को उनके वार्ड और बैरक से बाहर नहीं आने दिया गया। जेल अधिकारियों का कहना है कि अब इन चारों की सेल या इनके द्वारा जमा कराई गई इनकी जो भी चीजें जेल में होंगी, उन सभी को इनके परिवार वालों के हवाले कर दिया जाएगा।

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com