‘संगत’ के कहने पर अमृतपाल ने लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया : तरसेम सिंह

'संगत' के कहने पर अमृतपाल ने लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया : तरसेम सिंह

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  • Publish Date - May 7, 2024 / 06:39 PM IST,
    Updated On - May 7, 2024 / 06:39 PM IST

चंडीगढ़, सात मई (भाषा) कट्टरपंथी सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह का कहना है कि अमृतपाल चुनाव लड़ने का इच्छुक नहीं था, लेकिन ‘संगत’ के कहने पर उसने अपना मन बदल लिया।

‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह को पिछले साल अप्रैल में सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत गिरफ्तार किया गया था। अमृतपाल अपने नौ सहयोगियों के साथ फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है।

अमृतपाल सिंह के अधिवक्ता ने पहले दावा किया था कि वह (सिंह) पंजाब की खडूर साहिब सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ेगा।

अमृतपाल सिंह के चुनावी मैदान में उतरने से खडूर साहिब सीट फिर से सुर्खियों में है। इसे ‘पंथ’ के प्रभाव वाली सीट के रूप में जाना जाता है।

तरसेम सिंह ने कहा, ‘‘ वह (अमृतपाल) चुनाव नहीं लड़ना चाहता था। लेकिन, उन्होंने कहा कि अगर यह (चुनाव लड़ना) ‘संगत’ का निर्णय है तो वह अपना निर्णय बदल देगा और ‘संगत’ की बात मानेगा।’’

अमृतपाल सिंह के कानूनी सलाहकार राजदेव सिंह खालसा ने सबसे पहले दावा किया था कि वह खडूर साहिब सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ेगा।

अमृतपाल सिंह को पिछले साल अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था और उसके खिलाफ सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया गया था।

अमृतपाल सिंह के पिता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि वे अपनी सजा पूरी कर चुके सिख कैदियों की रिहाई के साथ-साथ पंजाब में मादक पदार्थों के खतरे का मुद्दा उठाएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘ चुनाव प्रचार लोगों द्वारा किया जाएगा। हमें लोगों का काफी समर्थन मिल रहा है। ’’

तरसेम सिंह ने दावा करते हुए कहा, ‘‘हम जहां भी जा रहे हैं, लोग उसका समर्थन कर रहे हैं। हालांकि, सरकार ने उसे बदनाम करने की बहुत कोशिश की, लेकिन लोग उसके साथ हैं।’’

उन्होंने कहा कि अमृतपाल सिंह के चुनाव अभियान का नेतृत्व मानवाधिकार कार्यकर्ता जसवंत सिंह खालरा की पत्नी परमजीत कौर खालरा करेंगी।

परमजीत कौर खालरा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में खडूर साहिब सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गई थीं।

इस बीच, खडूर साहिब सीट से अमृतपाल सिंह की उम्मीदवारी का शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) ने समर्थन किया है और उसने निर्वाचन क्षेत्र से अपना उम्मीदवार वापस ले लिया है।

माना जाता है कि खडूर साहिब लोकसभा सीट पर पंथ का प्रभाव है। यह सीट 2008 में अस्तित्व में आई थी। इसमें नौ विधानसभा क्षेत्र हैं – जंडियाला, तरनतारन, खेम करण, पट्टी, खडूर साहिब, बाबा बकाला, कपूरथला, सुल्तानपुर लोधी और जीरा।

शिरोमणि अकाली दल ने पूर्व विधायक विरसा सिंह वल्टोहा को मैदान में उतारा है, जबकि आम आदमी पार्टी ने परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट से मंजीत सिंह मन्ना मियांविंड को अपना प्रत्याशी बनाया है।

कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व विधायक कुलबीर सिंह जीरा को मैदान में उतारा है।

भाषा रवि कांत अविनाश

अविनाश

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