नैनीताल, 19 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने ऋषिकेश-भानियावाला मार्ग के चौड़ीकरण के लिए तीन हजार से अधिक पेड़ों की कटाई के मामले में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, राज्य सरकार और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को समाधान पेश करने के निर्देश दिए हैं।
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय को सूचित किया कि अदालत द्वारा पूर्व में जारी निर्देशों के अनुसार वृक्षों को दूसरी जगह स्थानांतरित नहीं किया गया है और न ही निर्धारित नियमों के अनुसार, अंडरपास का निर्माण किया जा रहा है।
सुनवाई के बाद, मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने राज्य सरकार, केंद्र और एनएचएआई को मामले के समाधान के लिए एक बैठक करने तथा उसके सुझाव अदालत के सामने रखने के निर्देश दिए।
न्यायालय ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 30 दिसंबर तय की है।
देहरादून निवासी रीनू पाल ने उच्च न्यायालय के समक्ष दायर याचिका में कहा है कि हाथी गलियारे में पड़ने वाले ऋषिकेश और भानियावाला के बीच के मार्ग को चार लेन का बनाने के लिए 3000 से अधिक पेड़ों को काटने के लिए चिन्हित किया गया है।
याचिका में कहा गया है कि इसके कारण हाथी गलियारे और अन्य वन्यजीवों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इस आधार पर इस परियोजना पर रोक लगाने की न्यायालय से प्रार्थना की गयी है।
भाषा सं दीप्ति शफीक
शफीक