(फाइल फोटो के साथ)
चित्तूर, नौ जुलाई (भाषा) युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के प्रमुख वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने बुधवार को आंध्र प्रदेश की तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) सरकार पर आम किसानों के संकट की ‘अनदेखी’ करने का आरोप लगाया।
रेड्डी ने आम किसानों से मुलाकात कर उनकी शिकायतें सुनीं और गिरती कीमतों के कारण फसल की खरीद न होने से प्रभावित लोगों को सांत्वना दी।
उन्होंने 76,000 किसानों द्वारा उगाए गए 6.45 लाख टन आम की तत्काल खरीद की मांग की।
रेड्डी ने बंगारुपलेम बाजार में प्रेसवार्ता में पूछा, “पुलिस की धमकियों के बावजूद हजारों किसान अपनी पीड़ा व्यक्त करने (बाजार) आए। सरकार ने उन्हें रोकने के लिए 2,000 कर्मियों को तैनात किया। क्या किसानों के साथ ऐसा ही व्यवहार किया जाता है?”
रेड्डी के आम बाजार दौरे से पहले सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी।
पुलिस ने ये पाबंदियां हाल में रेड्डी के पालनाडु जिले के रेंटापल्ला गांव के दौरे के बाद लगाई हैं, जहां रेड्डी के काफिले की एक गाड़ी से कुचलकर वाईएसआरसीपी के एक समर्थक की कथित तौर पर मौत हो गई थी और एक अन्य समर्थक की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी।
पुलिस के अनुसार, वाईएसआरसीपी ने ‘नकदी, शराब और यात्रा सहायता’ की बदौलत लगभग 25,000 लोगों को जुटाने की कोशिश की ।
बाद में 377 लोगों को नोटिस जारी किए गए, जिनमें 55 आपराधिक रिकॉर्ड वाले लोग शामिल थे।
पूर्व मुख्यमंत्री रेड्डी ने कहा कि मूल फसलों के लिए भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का अभाव है।
उन्होंने कहा, “धान 300 रुपये से नीचे बिक रहा है। ज्वार, मूंग और आम का भी कोई निश्चित मूल्य नहीं है।”
वाईएसआरसीपी सुप्रीमो ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर मई में खरीद शुरू करने में ‘विफल’ रहने का आरोप लगाया।
रेड्डी के अनुसार इस वजह से ‘आम बाजार पूरी तरह से ध्वस्त’ हो गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की निष्क्रियता के कारण फलों के गूदे का प्रसंस्करण करने वाली कंपनियों ने कीमतें कम कर दी हैं।
उन्होंने जानना चाहा कि सरकार द्वारा वादा किए गए 12 रुपये प्रति किलोग्राम समर्थन दर पर कितनी उपज खरीदी गई।
रेड्डी ने तुलना करते हुए कहा कि वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान आम 22 से 29 रुपये प्रति किलोग्राम बिकता था।
कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के हस्तक्षेप के बाद आम की कीमत 16 रुपये प्रति किलो तय की गई।
रेड्डी ने आंध्र सरकार से पूरी फसल तुरंत खरीदने की मांग की और किसानों के हितों की रक्षा के लिए आंदोलन की चेतावनी दी।
भाषा जितेंद्र राजकुमार
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