दिल्ली दंगा मामले में यूएपीए के तहत गिरफ्तारी संवैधानिक गारंटी पर हमला: माकपा

दिल्ली दंगा मामले में यूएपीए के तहत गिरफ्तारी संवैधानिक गारंटी पर हमला: माकपा

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  • Publish Date - September 14, 2020 / 03:03 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:25 PM IST

नयी दिल्ली, 14 सितम्बर (भाषा) माकपा ने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद की गिरफ्तारी की सोमवार को निंदा की और आरोप लगाया कि दिल्ली दंगा मामले में छात्रों की गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तारी ‘‘असहमति के लोकतांत्रिक अधिकार की संवैधानिक गारंटी’’ पर एक हमला है। जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र खालिद को दिल्ली पुलिस की विशेष इकाई ने उन दंगों में उसकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया है जो राष्ट्रीय राजधानी के उत्तर पूर्व क्षेत्र में इस वर्ष फरवरी में भड़के थे। माकपा ने एक बयान में कहा, ‘‘यूएपीए (गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) के प्रावधानों के तहत उमर खालिद की गिरफ्तारी निंदनीय है…भाजपा के शीर्ष नेता जिन्होंने नफरत भरे भाषण दिए और हिंसा भड़काई, वे केंद्र सरकार द्वारा संरक्षित हैं। वहीं सीएए के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले युवाओं को निशाना बनाया जा रहा है। उन्हें देश के गृह मंत्रालय द्वारा निर्मित संस्करण और दिल्ली पुलिस द्वारा सीएए विरोधी प्रदर्शनों को साम्प्रदायिक हिंसा से जोड़े जाने का उल्लेख करते हुए गिरफ्तार किया जा रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार को विशेष इकाई द्वारा सीएए विरोधी कार्यकर्ताओं को पूछताछ के लिए बुलाने और गृह मंत्रालय और पुलिस द्वारा लक्षित लोगों को फंसाने की कोशिश करने पर रोक लगानी चाहिए।’’ उसने यह भी आरोप लगाया गया कि यूएपीए का उपयोग न्याय की सामान्य प्रक्रियाओं को अवरुद्ध करने के लिए किया जा रहा है जिसके द्वारा आरोपी जमानत पर बाहर हो जाते थे, क्योंकि कई निचली अदालतों ने उल्लेखित किया है उनमें से किसी के खिलाफ हिंसा भड़काने का ‘‘लेशमात्र सबूत भी नहीं है।’’ बयान में कहा गया है कि खालिद की गिरफ्तारी, नताशा नरवाल और देवांगना कलिता (दोनों जेएनयू छात्र), कांग्रेस पार्टी की पूर्व पार्षद इशरत जहां, जामिया छात्रों मीरान हैदर, आसिफ तनहा, सफ़ुरा ज़ागर, गुलफ़िशा फातिमा और शिफ़र-उल-रहमान को यूएपीए के तहत हिरासत में लिये जाने के बाद हुई है। बयान में कहा गया है, ‘‘गिरफ्तारी असहमति के लोकतांत्रिक अधिकार की संवैधानिक गारंटी पर हमला है।’’ पार्टी ने साथ ही कहा कि उसने सीएए-एनआरसी-एनपीआर का शुरू से ही संसद में और पूरे देश में कई विरोध प्रदर्शनों में विरोध किया है। वह दिल्ली दंगा मामले में यूएपीए के तहत गिरफ्तार व्यक्तियों की रिहायी की मांग करती है। भाषा..

अमित नरेशनरेश