अरुणाचल प्रदेश : कंजंक्टिवाइटिस के प्रकोप के कारण कई स्कूल अस्थायी रूप से बंद
अरुणाचल प्रदेश : कंजंक्टिवाइटिस के प्रकोप के कारण कई स्कूल अस्थायी रूप से बंद
ईटानगर, 27 जुलाई (भाषा) अरुणाचल प्रदेश में कंजंक्टिवाइटिस (आंखों में संक्रमण) के मामले बढ़ रहे हैं जिससे बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। इसलिए कई जिलों में प्रशासन ने इस बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करने का आदेश दिया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि राज्य की राजधानी ईटानगर और लोंगडिंग जिले के कनुबारी उप-मंडल के बाद नामसाई और पूर्वी सियांग प्रशासन ने कंजंक्टिवाइटिस के संक्रमण पर काबू के लिए कुछ दिनों तक स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है।
एक अधिकारी ने बताया कि पूर्वी सियांग में सभी निजी और सरकारी स्कूल दो अगस्त तक बंद रहेंगे जबकि नामसाई के शैक्षणिक संस्थानों में गतिविधियां 31 जुलाई तक निलंबित कर दी गई हैं।
उन्होंने बताया कि यह निर्णय जिला निगरानी इकाइयों द्वारा किए गए व्यापक सर्वेक्षण के बाद लिया गया जिसमें पता चला कि कंजंक्टिवाइटिस के मामले बढ़ रहे हैं।
पूर्वी सियांग के उपायुक्त ताई तग्गू ने संक्रमण को रोकने के लिए स्वच्छता पर जोर दिया। उन्होंने लोगों से जिला चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी दिशानिर्देशों और परामर्श का पालन करने का आग्रह किया।
कंजंक्टिवाइटिस प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क के जरिए आसानी से फैल सकता है।
नामसाई के एक अधिकारी ने बताया कि स्थानीय प्रशासन ने बच्चों में संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए एहतियात के तौर पर स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करने का फैसला किया है।
एक जिला अधिकारी ने बताया कि दिबांग घाटी के निचले क्षेत्रों के विभिन्न स्कूलों में कंजंक्टिवाइटिस के 100 से अधिक मामले सामने आए हैं और यह संख्या बढ़ रही है।
उन्होंने बताया कि जिले के सभी स्कूलों को सार्वजनिक स्वास्थ्य परामर्श का पालन करने का निर्देश दिया गया है।
परामर्श में लोगों को बार-बार हाथ धोने, आंखों को छूने से बचने, व्यक्तिगत वस्तुओं को साझा नहीं करने और संक्रमित व्यक्ति को अलग रहने की सलाह दी गई है।
तिराप प्रशासन ने जिला स्वास्थ्य सोसायटी के सहयोग से बुधवार को रामकृष्ण सारदा मिशन गर्ल्स स्कूल खोंसा में इस संबंध में एक सर्वेक्षण और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया।
तिराप के उपायुक्त हेंटो कार्गा ने छात्रों और शिक्षण कर्मचारियों को संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए स्वच्छता बनाए रखने की सलाह दी।
उन्होंने बताया कि स्कूलों को बंद करना कोई समाधान नहीं होगा क्योंकि इससे पढ़ाई प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को सामाजिक दूरी और स्वच्छता का पालन करते हुए संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए व्यक्तिगत रूप से प्रयास करना चाहिए।
भाषा मनीषा अविनाश
अविनाश

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