Caste Census | Photo Credit: ANI
नई दिल्ली: Caste Census केंद्र के मोदी सरकार ने जनगणना के साथ जाति गत जनगणना को भी मंजूरी दे दी है। कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगाई गई है। सरकार के इस फैसले के बाद से देश के सियासी गलियारों में राजनीति भी शुरू हो गई है। एक ओर सरकार के फैसले का स्वागत कर रहे हैं तो दूसरी ओर विपक्ष इस फैसले को अपनी जीत बता रहे हैं। इस बीच AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का बड़ा बयान सामने आया है।
Caste Census AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि “जातीय जनगणना होनी चाहिए ताकि यह पता लगाया जा सके कि किस जाति के लोग विकसित हैं या किस जाति के लोग विकसित नहीं हैं…सकारात्मक कार्रवाई और इस देश में न्याय करने के लिए यह बहुत जरूरी है। 27% पर ही OBC आरक्षण रोक दिया गया है, जो अपर्याप्त है… अब हम भाजपा से जानना चाहते हैं कि इसकी(जाति आधारित जनगणना की) शुरूआत कब तक होगी?… क्या 2029 के लोकसभा चुनाव से पहले ये रिपोर्ट आ जाएगी या नहीं…”
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हाल ही में हुई केंद्रीय कैबिनेट मीटिंग में एक बड़ा फैसला लिया गया है। अगली जनगणना में अब जातिवार आंकड़े भी जुटाए जाएंगे, यानी अब हर व्यक्ति की जाति का रिकॉर्ड पहली बार आधिकारिक तौर पर दर्ज होगा। ये फैसला ऐतिहासिक इसलिए भी है क्योंकि देश की आजादी के बाद से अब तक की किसी भी जनगणना में जाति को शामिल नहीं किया गया था।
#WATCH | हैदराबाद: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जाति जनगणना को राष्ट्रीय जनगणना में शामिल किए जाने पर कहा, “जातीय जनगणना होनी चाहिए ताकि यह पता लगाया जा सके कि किस जाति के लोग विकसित हैं या किस जाति के लोग विकसित नहीं हैं…सकारात्मक कार्रवाई और इस देश में न्याय करने के लिए यह… pic.twitter.com/Kmab4oMYlh
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 1, 2025