Owaisi on Caste Census: जाति जनगणना पर ओवैसी के मोदी सरकार से सवाल.. पूछा, कब शुरू करेंगे और कब तक पूरा करेंगे”? बताएं’..

जातीय जनगणना लंबे समय से देश की राजनीति में एक अहम मुद्दा बना हुआ है, विशेषकर पिछड़ा वर्ग, दलित और आदिवासी वर्गों के अधिकारों और सामाजिक भागीदारी को लेकर। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद साफ है कि यह आगामी चुनावों में भी एक प्रमुख मुद्दा बन सकता है।

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  • Publish Date - May 1, 2025 / 03:31 PM IST,
    Updated On - May 1, 2025 / 03:32 PM IST

Owaisi Reaction on Caste Census || IMAGE- ANI News File

HIGHLIGHTS
  • केंद्र सरकार ने आगामी जनगणना में जातीय गणना शामिल करने का ऐतिहासिक फैसला लिया।
  • राहुल गांधी, मायावती, ओवैसी और तेजस्वी यादव ने फैसले का स्वागत कर समयसीमा मांगी।
  • जातीय जनगणना अब सामाजिक न्याय और चुनावी राजनीति का केंद्रबिंदु बनती जा रही है।

Owaisi Reaction on Caste Census: नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक बड़ा और चौंकाने वाला फैसला लेते हुए आगामी आम जनगणना में जातीय जनगणना को शामिल करने का निर्णय लिया है। कभी इस मांग का विरोध करने वाली सरकार के इस कदम को लेकर राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। जहां विपक्ष इसे सामाजिक न्याय की दिशा में अपनी जीत बता रहा है, वहीं केंद्र से इसकी प्रक्रिया और समयसीमा को लेकर जवाब भी मांगे जा रहे हैं।

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राहुल गांधी ने बताया ऐतिहासिक कदम

कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह देश के पिछड़े और वंचित वर्गों को उनका हक दिलाने की दिशा में अहम कदम है। राहुल ने मांग की कि सरकार इसे जल्द से जल्द पूरा कराए और रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।

ओवैसी ने केंद्र से पूछा: 2029 चुनाव से पहले आएगी रिपोर्ट?

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने जातीय जनगणना पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा: “जातीय जनगणना जरूरी है ताकि यह पता चल सके कि कौन सी जातियां विकसित हैं और कौन सी अभी भी पिछड़ी हुई हैं। यह सामाजिक न्याय और सकारात्मक कार्रवाई के लिए अनिवार्य है। ओबीसी आरक्षण को 27% पर सीमित करना पर्याप्त नहीं है। हम केंद्र सरकार से जानना चाहते हैं कि यह जनगणना कब शुरू होगी और क्या इसकी रिपोर्ट 2029 के लोकसभा चुनाव से पहले आएगी?”

मायावती ने बताया ‘देर से लिया गया सही फैसला’

बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने भी केंद्र के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “देश में मूल जनगणना के साथ ही जातीय जनगणना कराने का केंद्र सरकार द्वारा आज लिया गया फैसला काफी देर से उठाया गया, लेकिन यह सही दिशा में उठाया गया कदम है। इसका स्वागत है। बीएसपी इसकी माँग काफी लम्बे समय से करती रही है। उम्मीद है कि सरकार ‘जनगणना से जनकल्याण’ के इस फैसले को समय से पूरा कराएगी।”

राजद नेता तेजस्वी यादव ने बताया ‘वैचारिक जीत’

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव ने भी इसे विपक्ष की वैचारिक जीत करार दिया। उन्होंने लिखा, “हमारी वैचारिक जीत, सामाजिक न्याय की हमारी लड़ाई अब अगले पड़ाव पर पहुंच चुकी है। जो हम आज सोचते हैं, बाकी लोग उसे 35-40 साल बाद अपनाते हैं। अब हम पिछड़ों और अतिपिछड़ों के लिए विधानसभा, विधान परिषद, लोकसभा और राज्यसभा में आरक्षण की मांग को आगे बढ़ाएंगे। मंडल आयोग की कई सिफारिशें अभी भी लागू होनी बाकी हैं। सामाजिक न्याय जिंदाबाद!”

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राजनीतिक एजेंडे के केंद्र में ‘जातीय जनगणना’

जातीय जनगणना लंबे समय से देश की राजनीति में एक अहम मुद्दा बना हुआ है, विशेषकर पिछड़ा वर्ग, दलित और आदिवासी वर्गों के अधिकारों और सामाजिक भागीदारी को लेकर। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद साफ है कि यह आगामी चुनावों में भी एक प्रमुख मुद्दा बन सकता है।

1. केंद्र सरकार ने किस प्रकार की जनगणना की घोषणा की है?

केंद्र सरकार ने 2025 में होने वाली आगामी आम जनगणना में जातीय जनगणना को शामिल करने का निर्णय लिया है।

2. इस फैसले पर विपक्षी दलों की क्या प्रतिक्रिया रही?

राहुल गांधी, मायावती, ओवैसी और तेजस्वी यादव जैसे विपक्षी नेताओं ने इसे सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक और जरूरी कदम बताया है।

3. जातीय जनगणना का उद्देश्य क्या होगा?

इसका उद्देश्य यह जानना है कि कौन-सी जातियां अभी भी पिछड़ी हैं, ताकि आरक्षण और नीतियों को अधिक न्यायसंगत बनाया जा सके।