‘सरकार के खिलाफ अपराध’ के मामलों पर एनसीआरबी की सूची में असम शीर्ष पर
‘सरकार के खिलाफ अपराध’ के मामलों पर एनसीआरबी की सूची में असम शीर्ष पर
(त्रिदीप लाखड़)
गुवाहाटी, एक सितंबर (भाषा) राजद्रोह के आरोपों सहित ‘सरकार के खिलाफ अपराध’ के तहत मामले दर्ज करने वाले राज्यों की सूची में असम शीर्ष पर है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की नवीनतम रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
एनसीआरबी के आंकड़ों से यह खुलासा होने पर विपक्षी दलों और कानून विशेषज्ञों ने असम की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नीत राज्य सरकार ‘असहमति की आवाज’ दबाने के लिए ‘पुलिस राज’ की मदद से कानून के कठोरतम प्रावधानों का इस्तेमाल कर रही है।
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, असम ने 2021 में 36 लोगों के खिलाफ इस तरह के कुल 35 मामले दर्ज किये।
‘सरकार के खिलाफ अपराध’ श्रेणी में एनसीआरबी ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की पांच धाराओं को शामिल किया है। इनमें 124ए (राजद्रोह), 121 (युद्ध छेड़ना या युद्ध छेड़ने की कोशिश करना), 121ए (धारा121 के तहत दंडनीय अपराध की साजिश रचना) और 123 (युद्ध छेड़ने की साजिश को छिपाना) शामिल हैं।
इस साल मई में, उच्चतम न्यायालय ने आईपीसी की धारा 124ए के तहत दंडनीय कानून पर रोक लगा दी थी।
पिछले साल, असम में तीन लोगों के खिलाफ राजद्रोह के तीन मामले दर्ज किये गये थे, जबकि राज्य ने आईपीसी की चार अन्य धाराओं के तहत 32 प्राथमिकियां दर्ज की थीं और उनमें 33 लोगों को नामजद किया था।
असम के बाद, आंध्र प्रदेश का स्थान है जहां ‘सरकार के खिलाफ अपराध’ के 30 मामले दर्ज किये गये। इसके बाद, जम्मू कश्मीर (13 मामले) और मणिपुर (10 मामले) का स्थान है।
एनसीआरबी डेटा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया ने कहा कि राज्य में ऐसे कई उदाहरण हैं जिनमें सामान्य अपराधों के लिए राजद्रोह के आरोप लगा दिये गये।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैकिया ने दावा किया कि इस तरह के मामलों की दोषसिद्धि दर राज्य में बहुत कम है, जबकि इसने सर्वाधिक संख्या में इस तरह के मामले दर्ज किये हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह सचमुच में दुर्भाग्यपूर्ण है कि असम पुलिस का राजनीतिक कारणों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। यहां तक कि पुलिस महानिदेशक अक्सर कुछ अस्वीकार्य टिप्पणी करते हैं। ऐसा इसलिए है कि उन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है।’’
रायजोर दल के प्रमुख एवं पार्टी के विधायक गोगोई ने दावा किया कि ‘सरकार के खिलाफ अपराध’ के लिए दर्ज ज्यादातर मामले फेसबुक जैसे सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणियों से संबद्ध हैं।
गोगोई 2016 में राज्य में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से राजद्रोह के 22 मामलों का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने जोर देते हुए कहा, ‘‘भाजपा शासन के तहत यह फासीवाद का युग है। यदि फासीवाद के युग में असम में इस तरह के ज्यादातर मामले दर्ज किये गये हैं तो इसका मतलब है कि राज्य के लोग देश में सबसे जागरूक हैं। ’’
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के प्रदेश सचिव सुप्रकाश तालुकदार ने राज्य की मौजूदा सरकार पर बहुत प्रतिशोधी होने का आरोप लगाया।
भाषा सुभाष नरेश
नरेश

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