त्रिपुरा में भूस्खलन और बाढ़ संबंधी घटनाओं में कम से कम 10 लोगों की मौत, एक लापता

त्रिपुरा में भूस्खलन और बाढ़ संबंधी घटनाओं में कम से कम 10 लोगों की मौत, एक लापता

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  • Publish Date - August 22, 2024 / 12:33 PM IST,
    Updated On - August 22, 2024 / 12:33 PM IST

( तस्वीर सहित )

अगरतला, 22 अगस्त (भाषा) त्रिपुरा में रविवार से भूस्खलन और बाढ़ संबंधी घटनाओं में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई तथा एक व्यक्ति लापता हो गया है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।

बयान में कहा गया कि भारी बारिश के कारण कम से कम 32,750 लोगों ने 330 राहत शिविरों में शरण ली है।

मुख्यमंत्री माणिक साहा द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अनुरोध के बाद राज्य में बचाव कार्यों में सहायता के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की चार अतिरिक्त टीमें तैनात की गई हैं।

बुधवार को जारी की गई एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया, ”त्रिपुरा में रविवार से हो रही भारी बारिश के कारण सभी प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। रविवार से भूस्खलन और बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में 10 लोगों की मौत हो चुकी है। कुल मिलाकर 32,750 लोगों ने 330 राहत शिविरों में शरण ली है।”

इसमें कहा गया है कि पूर्वोत्तर राज्य में भूस्खलन की 1,900 से अधिक घटनाएं हुई हैं, जिससे सड़क संपर्क बाधित हो गया है।

विज्ञप्ति में कहा गया कि पश्चिमी त्रिपुरा और सिपाहीजाला जिलों में बृहस्पतिवार को भारी बारिश के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है।

मौसम विभाग देश में मौसम संबंधी अलर्ट जारी करने के लिए चार रंगों का उपयोग करता है। ये रंग और इनके संदेश…. ग्रीन (किसी कार्रवाई की जरूरत नहीं), येलो (नजर रखें और निगरानी करते रहें), ऑरेंज (तैयार रहें) और रेड (कार्रवाई/सहायता की जरूरत) हैं।

राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), असम राइफल्स सहित केंद्रीय अर्धसैनिक बल त्रिपुरा के प्रभावित क्षेत्रों में राहत-बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं।

मुख्यमंत्री माणिक साहा ने बुधवार शाम मीडिया से कहा कि राज्य में बाढ़ ‘अभूतपूर्व’ है।

उन्होंने कहा, ”राज्य में अभूतपूर्व बाढ़ आई है। हम स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं। जिलाधिकारियों को प्रभावित लोगों को हरसंभव मदद मुहैया कराने के लिए कहा गया है।”

भाषा प्रीति मनीषा

मनीषा