Balasore Train Accident Report: बालासोर ट्रेन हादसे को लेकर सनसनीखेज खुलासा, रोका जा सकता था हादसा, सामने आई इनकी गलतियां!
बालासोर ट्रेन हादसे को लेकर सनसनीखेज खुलासा, रोका जा सकता था हादसा, सामने आई इनकी गलतियां!! Balasore Train Accident Report
Odisha Train Accident Update
बालासोरः Balasore Train Accident Report ओडिशा के बहनागा में बीते दिनों हुए ट्रेन हादसे में 290 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे की शुरुआती जांच में इस बात का खुलासा हुआ था कि इंटरलाॅकिंग के दौरान हुई चूक के चलते ये हादसा हुआ है। वहीं मामले की जांच के बाद अब CSR रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें कई अहम खुलासे हुए हैं। बताया जा रहा है कि सीबीआई ने रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया है कि अगर खामियां नजरअंदाज नहीं की जातीं, तो हादसा रोका जा सकता था।
Balasore Train Accident Report रिपोर्ट में क्या कुछ कहा गया है, फिलहाल उसका पता नहीं चल पाया है। रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों ने रिपोर्ट के निष्कर्षों पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। लेकिन सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी में कई अहम बातों का खुलासा हुआ है।
इन अहम बातों का हुआ खुलासा
- – लेवल-क्रॉसिंग लोकेशन बॉक्स के अंदर तारों की गलत लेबलिंग थी जो कि सालों तक पकड़ में नहीं आई, उसके चलते ही मेंटेनेंस वर्क के दौरान गड़बड़ी हुई
- – हादसे के लिए मुख्य तौर पर सिग्नलिंग डिपार्टमेंट जिम्मेदार पाया गया। सिग्नलिंग कंट्रोल सिस्टम की गड़बड़ी का पता लगाने में विफल रहने के लिए स्टेशन मास्टर का नाम भी रिपोर्ट में लिखा गया है।
- – सीनियर रेलवे बोर्ड अधिकारी ने बताया कि प्रोटोकॉल है कि जब भी किसी एसेट का मेंटेनेंस का किया जाता है तो संबंधित इंजीनियरिंग स्टाफ के साथ-साथ परिचालन स्टाफ भी ट्रेन्स की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होता है। चाहे वो ट्रैक से संबंधित हो या सिग्नलिंग से संबंधित।
- – साइट पर सिग्नलिंग स्टाफ ने बताया कि हादसे वाले दिन लेवल क्रॉसिंग पर इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर रिप्लेस करते समय टर्मिनल पर गलत लेबलिंग के चलते गड़बड़ी हुई। उन्होंने बताया कि ट्रेन को एक ट्रैक से दूसरे ट्रैक तक ले जाने वाले पॉइंट के सर्किट को पहले ही शिफ्ट कर दिया गया था।
- – जिस लोकेशन बॉक्स पर सारे तार जुड़े हुए थे उसमें गलत लेबलिंग हुई थी, जिसके चलते गलत फंक्शन इंडिकेट हो रहे थे।
- – 2015 में पूरा वायरिंग डायग्राम कागज पर बदला गया था और अप्रूव भी किया गया था। ये टेक्नीशियंस को दिखाने के लिए किया गया कि मेंटेनेंस के बाद वायरिंग को कैसे जोड़ा जाता है। पता चला है कि लेबलिंग सिर्फ कागज पर बदली गई, फिजिकली नहीं।
- – 2018 में पॉइंट की स्थिति का पता लगाने वाले सर्किट को लोकेशन बॉक्स के अंदर शिफ्ट कर दिया गया। तब भी लेकिन इस बदलाव को ठीक से लेबल नहीं किया गया था. ना तो डायग्राम पर, ना ही केबल टर्मिनल रैक पर।
- – पता चला है कि बालासोर के एक अन्य लोकेशन बॉक्स के डायग्राम का इस्तेमाल बहनागा बाजार के लोकेशन बॉक्स के लिए किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये एक गलत कदम था जिसके चलते गलत वायरिंग हुई।
- – दुर्घटना से करीब दो हफ्ते पहले खड़गपुर मंडल के बांकड़ा नयाबाज स्टेशन पर गलत रिंग और केबल की खराबी के चलते ऐसी ही घटना हुई थी। अगर उस घटना के बाद गलत वायरिंग को ठीक करने के लिए सुधारात्मक कदम उठाए गए होते तो दुर्घटना नहीं होती।
- रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि कोरोमंडल एक्सप्रेस में मेन लाइन के लिए ग्रीन सिग्नल था लेकिन पॉइंटस या ट्रेन की डायरेक्शन डिसाइड करने वाला सिस्टम गलत तरीके से श्लूप लाइनश् की ओर इशारा करता रहा जिससे दुर्घटना हुई।

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