Up population control Bill Draft : एक बच्चे वालों को फायदा ही फायदा, दो से अधिक पर आफत, यहां के राज्य सरकार ने तैयार किया कानून का मसौदा | Up population control Bill Draft : Benefit to those with one child, 'punishment' on more than two, know draft law

Up population control Bill Draft : एक बच्चे वालों को फायदा ही फायदा, दो से अधिक पर आफत, यहां के राज्य सरकार ने तैयार किया कानून का मसौदा

Up population control Bill Draft : एक बच्चे वालों को फायदा ही फायदा, दो से अधिक पर आफत, यहां के राज्य सरकार ने तैयार किया कानून का मसौदा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:46 PM IST, Published Date : July 11, 2021/1:52 am IST

Up population control Bill Draft 

लखनऊ, प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण विधेयक के एक मसौदे के अनुसार, उत्तर प्रदेश में दो-बच्चों की नीति का उल्लंघन करने वाले को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने, सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने, पदोन्नति और किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी प्राप्त करने का अधिकार नहीं होगा।

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राज्य विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण एवं कल्याण) विधेयक-2021 का प्रारूप तैयार कर लिया है।

उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग (यूपीएसएलसी) की वेबसाइट के अनुसार, ‘‘राज्य विधि आयोग, उप्र राज्य की जनसंख्या के नियंत्रण, स्थिरीकरण और कल्याण पर काम कर रहा है और एक विधेयक का प्रारूप तैयार किया है।’’

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विधि आयोग ने इस विधेयक का प्रारूप अपनी सरकारी वेबसाइट पर अपलोड किया है और 19 जुलाई तक जनता से इस पर राय मांगी गई है। इस विधेयक के प्रारूप के अनुसार इसमें दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन से लेकर स्थानीय निकायों में चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का प्रस्ताव है। इसमें सरकारी योजनाओं का भी लाभ न दिए जाने का जिक्र है।

प्रारूप में कहा गया है, ‘‘दो बच्चों के मानदंड को अपनाने वाले सरकारी कर्मचारियों को पूरी सेवा में मातृत्व या पितृत्व अवकाश के दौरान दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि मिलेगी। इसके अलावा राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत पूरे वेतन और भत्तों के साथ 12 महीने की छुट्टी और नियोक्ता के योगदान कोष में तीन प्रतिशत की वृद्धि की बात भी कही गयी है।’’

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अधिनियम के क्रियान्वयन के उद्देश्य से राज्य जनसंख्या कोष का गठन किया जाएगा। सरकार के कर्तव्यों को सूचीबद्ध करते हुए, मसौदा विधेयक में कहा गया है, ‘‘सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसूति केंद्र स्थापित किए जाएंगे। केंद्र और गैर सरकारी संगठन गर्भनिरोधक गोलियां, कंडोम आदि वितरित करेंगे, सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से परिवार नियोजन के तरीकों के बारे में जागरूकता फैलाएंगे और राज्य भर में गर्भधारण, प्रसव, जन्म और मृत्यु का अनिवार्य पंजीकरण सुनिश्चित करेंगे।’’

मसौदा विधेयक में यह भी कहा गया है कि सभी माध्यमिक विद्यालयों में जनसंख्या नियंत्रण से संबंधित एक अनिवार्य विषय रखना सरकार का कर्तव्य होगा। इसमें कहा गया है कि दो बच्चों के मानदंड को लागू करने और बढ़ावा देकर राज्य की जनसंख्या को नियंत्रित करने, स्थिर करने और कल्याण करने के उपायों को प्रदान करने का प्रयास किया जायेगा।

इसमें कहा गया है, ‘‘उत्तर प्रदेश में, सीमित पारिस्थितिकी और आर्थिक संसाधन हैं। यह जरूरी है कि किफायती भोजन, सुरक्षित पेयजल, अच्छे आवास, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच सहित मानव जीवन की बुनियादी आवश्यकताओं का प्रावधान हो। आर्थिक/आजीविका के अवसर, घरेलू उपभोग के लिए बिजली और एक सुरक्षित जीवन सभी नागरिकों के लिए सुलभ हों।’’

मसौदा विधेयक में कहा गया है कि राज्य में जनसंख्या नियंत्रण, स्थिरीकरण और इसके कल्याण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए गुणवत्तापूर्ण प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, पहुंच और सामर्थ्य बढ़ाने से संबंधित उपाय सुनिश्चित करना आवश्यक है।

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इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार जनसंख्या नियंत्रण में मदद के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए रविवार को 2021-2030 के लिए एक नई जनसंख्या नीति की घोषणा करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार (11 जुलाई) को विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर यहां ‘उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021-2030’ का विमोचन करेंगे।

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में परिवार नियोजन को प्रोत्साहित करने के लिए जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े की गतिविधियों का कल विधिवत शुभारम्भ होगा। इस मौके पर नव विवाहितों में परिवार नियोजन के साधनों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘शगुन किट’ का वितरण भी किया जाएगा।

प्रस्तावित विधेयक के मसौदे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य आशुतोष सिन्हा ने कहा, ‘‘इस विधेयक को लाने का मतलब लोकतंत्र की हत्या है। यह उत्तर प्रदेश सरकार का एक अपरिपक्व निर्णय है।’’

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विधानसभा चुनाव से पहले इस कदम को ‘राजनीतिक एजेंडा’ करार देते हुए उत्‍तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अशोक सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘आरएसएस और भाजपा नेता आबादी बढ़ाने की बात करते हैं, जनसंख्‍या नियंत्रण केंद्र का विषय है, उप्र विधानसभा चुनाव को देखकर योगी आदित्यनाथ अध्यादेश ला रहे हैं, कोरा पोलिटिकल एजेंडा चुनाव के समय याद आया। वाह सरकार।”

हरदोई में पत्रकारों के जनसंख्‍या नियंत्रण के सवाल पर उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी के प्रभारी और सांसद संजय सिंह ने कहा, ”बच्चों की संख्या निश्चित कर देंगे तो भाजपा के एक भी सांसद विधायक बच नहीं पाएंगे।”

 
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