Indian Passport Rules Change | Photo Credit: pexels
Indian Passport Rules Change: नई दिल्ली। पासपोर्ट एक अहम दस्तावेज होता है, जिससे किसी व्यक्ति की पहचान और उसकी राष्ट्रीयता साबित होती है। पासपोर्ट विदेश यात्रा (कुछ देशों को छोड़कर) के लिए यह सबसे जरूरी दस्तावेज होता है। इसकी मदद से ही आप अन्य देशों में घूमने, पढ़ने, बिजनेस करने या अन्य कारणों से यात्रा कर सकते हैं। अगर आप भी पासपोर्ट बनवाने की सोच रहे हैं तो बता दें कि भारत सरकार ने पासपोर्ट बनवाने के नियमों में बदलाव किया है।
अब आवेदक के लिए जन्म प्रमाण पत्र देना अनिवार्य कर दिया गया है। यानी ऐसे लोग जिनका जन्म 1 अक्टूबर, 2023 के बाद हुआ है और वे पासपोर्ट बनाना चाहते हैं तो उनके लिए अब अपने जन्म तिथि के लिए बर्थ सर्टिफिकेट देना अनिवार्य होगा। हालांकि, इससे पहले जन्मे लोग 10वीं बोर्ड की मार्कशीट या सर्टिफिकेट, स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या कोई अन्य सरकारी आईडी जैसे अतिरिक्त दस्तावेजों के आधार पर अपनी जन्म तिथि साबित कर सकते हैं।
पासपोर्ट के लिए एक नई रंग-कोडित प्रणाली लागू की गई है। इसके तहत, सरकारी अधिकारियों को सफेद, राजनयिकों को लाल और सामान्य नागरिकों को नीले रंग का पासपोर्ट जारी किया जाएगा। यह प्रणाली अधिकारियों के लिए पासपोर्ट की पहचान को और अधिक सुविधाजनक बनाएगी।
अब बदले हुए पासपोर्ट के आखिरी पन्ने पर आवासीय पता प्रिंट नहीं किया जाएगा। इसके बदले, इमिग्रेशन अधिकारी बारकोड को स्कैन करके आवेदक की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। यह बदलाव सुरक्षा और गोपनीयता को बढ़ाने के लिए किया गया है।
अब पासपोर्ट के अंतिम पन्ने पर पासपोर्ट धारकों के माता-पिता का नाम छापा नहीं जाएगा। यह बदलाव विशेष रूप से एकल अभिभावकों और अलग-अलग परिवारों के बच्चों के लिए लाभकारी होगा, जिससे उनकी गोपनीयता को सुरक्षित रखा जा सकेगा।
सरकार ने घोषणा की है कि अगले पांच वर्षों में पासपोर्ट सेवा केंद्रों की संख्या 442 से बढ़ाकर 600 कर दी जाएगी। इस निर्णय से आवेदकों को अधिक सुरक्षा, बेहतर दक्षता और सुविधा मिलेगी, साथ ही पासपोर्ट प्राप्त करना और भी आसान हो जाएगा।