भाजपा नेता ने जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यकों के खिलाफ जांच के लिए विशेष अधिकरण की मांग की

भाजपा नेता ने जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यकों के खिलाफ जांच के लिए विशेष अधिकरण की मांग की

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  • Publish Date - November 18, 2020 / 12:43 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:00 PM IST

जम्मू, 18 नवंबर (भाषा) भाजपा के वरिष्ठ नेता अश्विनी कुमार चुरंगू ने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बुधवार को आग्रह किया कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपराध की जांच करने के लिए विशेष अधिकरण गठित किया जाए और कश्मीर घाटी में मंदिरों के प्रबंधन एवं संरक्षण के लिए एक बोर्ड गठित करने के वास्ते एक अध्यादेश जारी किया जाए।

जम्मू-कश्मीर भाजपा के राजनीतिक मामलों के विभाग के प्रभारी चुरंगू ने घाटी की हाल की यात्रा के बाद सिन्हा को यहां एक ज्ञापन सौंपा था जिसमें उक्त मांग की गई है।

उन्होंने कहा कि घाटी में कश्मीरी पंडित समुदाय को पुनःस्थापित करने के वास्ते उनमें विश्वास बहाली करने के लिए इन कदमों को तत्काल उठाना चाहिए।

चुरंगू ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के 1999 के अर्ध न्यायिक आदेश का हवाला दिया था जिसमें कहा गया है कि कश्मीरी पंडितों के खिलाफ अपराध निस्संदेह गंभीर हैं, और बीते 35 साल में हिंदू और सिखों समेत जम्मू-कश्मीर के अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपराधों की जांच के लिए एक विशेष अपराध अधिकरण स्थापित किए जाने की जरूरत है।

भाजपा नेता ने कहा, ‘ यह जम्मू-कश्मीर में नरसंहार के शिकार, लोगों को न्याय दिलाने के लिए एक लंबा रास्ता तय करेगा, जिन्हें संविधान, न्यायिक ढांचे और केंद्र तथा केंद्र शासित प्रदेश में जिम्मेदार एवं उत्तरदायी सरकार के होने के बावजूद न्याय नहीं मिला है।’

उन्होंने कहा कि एनएचआरसी ने उनकी शिकायत दर्ज की थी और इसे कार्रवाई के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दिया था। साथ में उनके ज्ञापन को जम्मू-कश्मीर और भारत सरकार के खिलाफ आधिकारिक शिकायत माना जा सकता है तथा विशेष अपराध अधिकरण के गठन के मुद्दे पर वार्ता सलाहकार के तौर पर एनएचआरसी को एक पक्ष बनाया जा सकता है।

प्रतिष्ठित कश्मीरी नेता ने ज्ञापन में कहा, ‘ यह सच है कि विस्थापित कश्मीरी पंडित समुदाय को कश्मीर में बसाने का समय अभी नहीं आया है।’

उन्होंने कहा कि कश्मीर हिंदू मंदिर एवं धार्मिक स्थल विधेयक के संबंध में अध्यादेश जारी करने के सिलसिले में साहसी और सही कदम उठाने का वक्त आ गया है।

भाषा

नोमान पवनेश

पवनेश