भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी पश्चिम बंगाल विस के विशेष सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित

भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी पश्चिम बंगाल विस के विशेष सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित

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  • Publish Date - September 2, 2025 / 06:07 PM IST,
    Updated On - September 2, 2025 / 06:07 PM IST

कोलकाता, दो सितंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को मंगलवार को विशेष सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने यह कार्रवाई उन पर बंगाली प्रवासियों के कथित उत्पीड़न की निंदा करने वाले प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कार्यवाही में बाधा डालने के आरोप में की।

भाजपा शासित राज्यों में बंगाली भाषी प्रवासियों पर कथित हमलों की निंदा प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान, अधिकारी खड़े हो गए और शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु को भारतीय सेना के बारे में कथित रूप से ‘अपमानजनक’ टिप्पणी करने के लिए टोका।

भाजपा नेता ने तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ नारे लगाए और मांग की कि बसु की टिप्पणियों को कार्यवाही से निकाल दिया जाए, जिसे अध्यक्ष ने अस्वीकार कर दिया।

बनर्जी ने कहा, “भाषण में बार-बार बाधा डालने और अपनी सीट छोड़ने के कारण मैं आपको दिन भर के लिए निलंबित करने के लिए बाध्य हूं।” इस पर सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों ने मेजें थपथपाकर इसका समर्थन किया।

बाद में ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए अध्यक्ष ने कहा कि अधिकारी को “इस (विशेष) सत्र के शेष दिनों” के लिए निलंबित कर दिया गया है।

विशेष सत्र बृहस्पतिवार को समाप्त हो रहा है। हालांकि, तीन सितंबर को अवकाश रहेगा, जो ‘करम पूजा’ के कारण राजकीय अवकाश है।

भाजपा विधायकों ने शीघ्र ही सदन से बहिर्गमन कर दिया और नारे लगाने लगे, “हमें यह तुष्टीकरण समर्थक ममता सरकार नहीं चाहिए” तथा “शर्म करो, शर्म करो”।

चर्चा के दौरान, बसु ने आरोप लगाया कि सेना ने मेयो रोड पर गांधी प्रतिमा के पास तृणमूल कांग्रेस के ‘विरोध पंडाल’ को हटा दिया। उन्होंने इसकी तुलना 1952 के भाषा आंदोलन में शहीद हुए उन लोगों की कुर्बानियों से की, जिन्होंने तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में अपनी मातृभाषा और पहचान की रक्षा के लिए प्राण न्योछावर कर दिए थे।

विधानसभा के द्वार के बाहर अधिकारी ने सत्तारूढ़ पार्टी पर पलटवार करते हुए दावा किया कि उन्हें “अनैतिक तरीके से बाहर निकाला गया है”।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “मुझे निलंबित कर दिया गया क्योंकि मैंने बसु की भारतीय सेना के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी का विरोध किया था। हम चाहते हैं कि उन टिप्पणियों को हटा दिया जाए।”

भाषा

प्रशांत नरेश

नरेश