नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) चुनावी राज्य बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोगी संगठनों ने जाति आधारित जनगणना का ऐलान करने के लिए केंद्र की (नरेन्द्र) मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि राष्ट्रहित में यह एक ‘ऐतिहासिक कदम’ है जिससे एक ‘‘ अधिक न्यायपूर्ण समाज’’ का सूत्रपात होगा।
जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) ने कहा कि यह उसके पार्टी अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही हैं जिन्होंने बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण करवाकर एक अनुकूल आधार तैयार किया।
जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने कहा कि इस फैसले से समाज के वंचित वर्गों के लिए कार्यक्रम को और अधिक केंद्रित बनाने में मदद मिलेगी।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि यह राष्ट्रीय हित में एक महत्वपूर्ण फैसला है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी लंबे समय से इसकी मांग कर रही थी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह फैसला देश के समतामूलक विकास में एक बड़ा कदम होगा। उन्होंने कहा कि जाति आधारित जनगणना ‘अधिक न्यायपूर्ण और केंद्रित नीतियां बनाने’ में मदद करेगी।
पासवान ने कहा कि इस मुद्दे पर उनके और केंद्र सरकार के बीच संबंधों के बारे में ‘भ्रामक दावे’ किए गए थे, ऐसे में यह फैसला उन अफवाहों का स्पष्ट जवाब है।
झा ने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस सरकार ने जाति आधारित गणना की प्रथा को रोक दिया था और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार द्वारा 2011 में किए गए जाति सर्वेक्षण में इतनी विसंगतियां थीं कि इसे जारी नहीं किया गया।
भाषा
संतोष पवनेश
पवनेश