जयपुर, 29 दिसंबर (भाषा) पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने मेवाड़ के शासक महाराणा प्रताप के बारे में अपनी हालिया टिप्पणियों को लेकर हुए विवाद के बाद सोमवार को माफी मांग ली।
राजस्थान के उदयपुर से आने वाले कटारिया ने स्पष्ट किया कि उनका महाराणा प्रताप का अपमान करने का इरादा नहीं था।
उन्होंने कहा, “अगर ये शब्द कि ‘हम महाराणा प्रताप की विरासत को सामने ले आए’ आपत्तिजनक लगे हों, तो मैं माफी मांगता हूं। मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था।”
कटारिया ने उदयपुर के गोगुंदा में 22 दिसंबर को एक कार्यक्रम में कहा था कि महाराणा प्रताप की विरासत को “पहली बार भाजपा सरकार के शासन के दौरान सामने लाया गया।”
उन्होंने कहा था, “हमने गोगुंदा में विकास के लिए धनराशि आवंटित की। तब से हल्दीघाटी, कुंभलगढ़ और चावंड जैसी जगहें प्रसिद्ध हो गई हैं।”
इस बयान पर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की । क्षत्रिय करणी सेना के अध्यक्ष राज शेखावत ने सोशल मीडिया पर कटारिया के खिलाफ धमकी भरा पोस्ट किया था।
कटारिया ने कहा, “मेरा कहने का तात्पर्य यह था कि हमने महाराणा प्रताप की वीरता और विरासत को हर घर तक पहुंचाने के लिए काम किया। सत्ता में रहते हुए कांग्रेस भी ऐसा कर सकती थी। यही मेरा संदेश था। अगर मेरे बयान से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं माफी मांगता हूं। मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था।”
भाषा पारुल राजकुमार
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