मसौदा मतदाता सूची से ‘एक करोड़ घुसपैठिए’ संबंधी भाजपा के ‘झूठ का पर्दाफाश’ : तृणमूल नेता अभिषेक

मसौदा मतदाता सूची से ‘एक करोड़ घुसपैठिए’ संबंधी भाजपा के 'झूठ का पर्दाफाश' : तृणमूल नेता अभिषेक

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  • Publish Date - December 17, 2025 / 08:01 PM IST,
    Updated On - December 17, 2025 / 08:01 PM IST

कोलकाता, 17 दिसंबर (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने बुधवार को कहा कि निर्वाचन आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बाद मसौदा मतदाता सूची ने भाजपा के ‘इस झूठ का पर्दाफाश कर दिया है कि पश्चिम बंगाल में एक करोड़ रोहिंग्या और बांग्लादेशी रहते हैं’। अभिषेक ने भाजपा से राज्य को बदनाम करने के लिए चलाए जा रहे इस अभियान के लिए माफी की मांग की।

आयोग ने मंगलवार को एसआईआर के बाद राज्य की मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित की जिसमें मृत्यु और पलायन सहित विभिन्न कारणों से 58 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम हटा दिए गए हैं।

अभिषेक ने कहा, ‘‘जिन लोगों ने दावा किया था कि बंगाल में एक करोड़ घुसपैठिए हैं, अब वे बेनकाब हो गए हैं। निर्वाचन आयोग ने खुद भाजपा के झूठ का पर्दाफाश कर दिया है।’’ उन्होंने अपनी बात के समर्थन में निर्वाचन आयोग के आंकड़ों का हवाला दिया जिसमें ‘फर्जी’ मतदाताओं की संख्या लगभग 1.83 लाख बताई गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें देश में राज्य को घुसपैठियों का अड्डा बताकर बार-बार बदनाम करने के लिए अब बंगाल की जनता से माफी मांगनी चाहिए।’’

निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, सूची में ‘फर्जी’ मतदाताओं की संख्या भाजपा नेताओं द्वारा बार-बार किए गए दावों से काफी कम है।

अभिषेक ने कहा, ‘‘भाजपा जिस तरह से सभी बंगालियों को बांग्लादेशी कहकर हमें बदनाम कर रही है, वह शर्मनाक है। यह अब बंद होना चाहिए और उन्हें माफी मांगनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि एसआईआर प्रक्रिया अभी प्रारंभिक चरण में है।

तृणमूल नेता ने कहा, ‘‘ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है। दावे और आपत्तियां दर्ज कराने के लिए अब भी लगभग 45 दिन बाकी हैं।’’ डायमंड हार्बर सीट से लोकसभा सदस्य अभिषेक ने घुसपैठ के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधा।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर वाकई बंगाल में घुसपैठ हो रही है, तो अमित शाह को इस पर जवाब देना चाहिए। सीमा की सुरक्षा केंद्र सरकार के अधीन है।’’

वर्ष 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले एक महीने तक चली गणना, सत्यापन और जांच प्रक्रिया के बाद जारी की गई मसौदा मतदाता सूचियों में मृत्यु, स्थायी विस्थापन और नाम के दोहराव से लेकर गणना प्रपत्रों के जमा ना करने जैसे विभिन्न कारणों से हटाए गए नामों का विवरण दिया गया है।

भाषा संतोष पवनेश

पवनेश