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अरुणाचल में चीन के साथ क्या है सीमा विवाद? देश के किन-किन इलाकों पर है ड्रैगन की नजर

india china Tawang youngste अरुणाचल से सटी सीमा पर भी ड्रैगन अपनी ओर पक्का निर्माण कर रहा है लंबे समय से सीमा विवाद है।

Edited By :   Modified Date:  December 12, 2022 / 08:28 PM IST, Published Date : December 12, 2022/7:53 pm IST

india china Tawang youngste: नई दिल्ली। भारत-चीन के सैनिकों के बीच झड़प की खबर सामने आ रही है। खबर है कि अरूणाचल प्रदेश स्थित तंवाग में दोेनों ही देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई है। भारतीय सैनिकों ने चीन को करार जवाब दिया है। पूरी घटना 9 दिसंबर की बताई जा रही है।

इस झड़प में भारत के करीब 30 से अधिक सैनिक घायल हुए हैं। चीन के भी कई सैनिक घायल हुए हैं जिनकी संख्या अधिक है। हालांकि भारत का कोई भी सैनिक गंभीर नहीं है। इस झड़प के बाद भारत के कमांडरों ने शांति बहाल करने के लिए चीन के कमांडर के साथ फ्लैग मीटिंग की है।

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इस झड़प में दोनों ही सैनिकों के घायल होने की खबर प्रकाश में आई है। भारतीय सेना के आधिकारिक बयान का इंतजार है। बता दें कि अक्टूबर 2021 में अरुणाचल प्रदेश के यांगसे में भी दोनों देशों के सैनिकों में विवाद हुआ था।

भारत और चीन का सीमा विवाद

india china Tawang youngste: भारत के दो ऐसे पड़ोसी हैं, जिनके कारण उसकी सीमा पर हमेशा तनाव बना रहता है। पाकिस्तान के साथ जम्मू-कश्मीर को लेकर विवाद है तो चीन के साथ न सिर्फ लद्दाख, बल्कि अरुणाचल प्रदेश में भी सीमा विवाद है। चीन भारत के हजारों किलोमीटर हिस्से पर अपना दावा करता है। पूर्वी लद्दाख में तो चीन के साथ मई 2020 से ही तनाव बना हुआ है, लेकिन अब अरुणाचल से सटी सीमा पर भी ड्रैगन अपनी ओर पक्का निर्माण कर रहा है।

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, चीन अरुणाचल से सटी सीमा पर अपनी ओर तेजी से इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित कर रहा है। चीन ने सीमा के उस पार रेल, सड़क और एअर कनेक्टिविटी बढ़ा ली है। गांव भी बसाए जा रहे हैं, जिनका दोहरा इस्तेमाल किया जा सके और तो और वहां 5G मोबाइल नेटवर्क भी तैयार कर लिया गया है।

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अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन के साथ लंबे समय से सीमा विवाद है। भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक, अरुणाचल प्रदेश की करीब 90 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन पर चीन अपना दावा करता है। जबकि, भारत की ओर से साफ किया जा चुका है कि अरुणाचल भारत का अटूट हिस्सा है और रहेगा। उसके बावजूद चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आता।

जानें क्या है ये मैकमोहन लाइन?

india china border Tawang youngste: 1914 में शिमला में एक सम्मेलन हुआ। इसमें तीन पार्टियां थीं- ब्रिटेन, चीन और तिब्बत। इस सम्मेलन में सीमा से जुड़े कुछ अहम फैसले हुए। उस समय ब्रिटिश इंडिया के विदेश सचिव हेनरी मैकमोहन थे। उन्होंने ब्रिटिश इंडिया और तिब्बत के बीच 890 किमी लंबी सीमा खींची। इसे ही मैकमोहन लाइन कहा गया। इस लाइन में अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा बताया गया था।

आजादी के बाद भारत ने मैकमोहन लाइन को माना, लेकिन चीन ने इसे मानने से इनकार कर दिया। चीन ने दावा किया कि अरुणाचल दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है और चूंकि तिब्बत पर उसका कब्जा है, इसलिए अरुणाचल भी उसका हुआ।

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भारत के किन-किन हिस्सों पर चीन के साथ विवाद है?

1. पैंगोंग त्सो झील (लद्दाख)
2. गलवान घाटी (लद्दाख)
3. डोकलाम (भूटान)
4. तवांग (अरुणाचल प्रदेश)
5. नाथू ला (सिक्किम)

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