नकदी विवाद : न्यायालय ने 25 पन्नों की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की

नकदी विवाद : न्यायालय ने 25 पन्नों की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की

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  • Publish Date - March 23, 2025 / 12:45 AM IST,
    Updated On - March 23, 2025 / 12:45 AM IST

नयी दिल्ली, 22 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शनिवार देर रात एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के आधिकारिक आवास पर कथित रूप से भारी मात्रा में नकदी पाए जाने के मामले की पूरी आंतरिक जांच रिपोर्ट घटना से जुड़ी तस्वीरों और वीडियो के साथ अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दी।

रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति वर्मा ने स्पष्ट रूप से कहा है कि घर के स्टोर रूम में ‘‘उनके या उनके परिवार के किसी भी सदस्य ने कभी भी कोई नकदी नहीं रखी थी और वे इस बात का खंडन करते हुए हैं कि कथित नकदी उनकी थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह विचार या सुझाव कि यह नकदी हमने रखी थी या संग्रहीत की थी, पूरी तरह से हास्यास्पद है।’’

दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट में आधिकारिक संचार से संबंधित सामग्री भी शामिल थी, जिसके अनुसार भारतीय मुद्रा की चार से पांच अधजली गड्डियां पाई गईं।

पच्चीस पन्नों की जांच रिपोर्ट में होली की रात न्यायमूर्ति वर्मा के आवास पर लगी आग को बुझाने से जुड़े अभियान के वीडियो और फोटोग्राफ भी शामिल हैं, जिसके दौरान नकदी बरामद हुई थी।

न्यायमूर्ति उपाध्याय ने लिखा, ‘‘रिपोर्ट की गई घटना, उपलब्ध सामग्री और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के जवाब की जांच करने पर, मुझे जो पता चला, वह यह है कि पुलिस आयुक्त ने 16.3.2025 की अपनी रिपोर्ट में बताया है कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास पर तैनात गार्ड के अनुसार, 15.3.2025 की सुबह जिस कमरे में आग लगी थी, वहां से मलबा और आंशिक रूप से जली हुई अन्य वस्तुएं हटा दी गई थीं।’’

उन्होंने लिखा, ‘‘मेरे द्वारा की गई जांच में प्रथम दृष्टया बंगले में रहने वाले लोगों, घरेलू सहायकों, माली और सीपीडब्ल्यूडी कर्मियों (यदि कोई हो) के अलावा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा कमरे में प्रवेश करने या पहुंचने की संभावना सामने नहीं आई है।’’

न्यायमूर्ति उपाध्याय ने 21 मार्च को तैयार रिपोर्ट में कहा, ‘‘तदनुसार, प्रथम दृष्टया मेरी राय है कि पूरे मामले की गहन जांच की आवश्यकता है।’’

इस रिपोर्ट को शनिवार रात सार्वजनिक किया गया।

भाषा धीरज पारुल

पारुल