चेन्नई, छह जुलाई (भाषा) तमिलनाडु के मंत्री दुरईमुरुगन ने यहां बृहस्पतिवार को कहा कि कावेरी जल साझा करने का मुद्दा कोई सामान्य मामला नहीं है बल्कि यह ‘जीवन’ का मुद्दा है और तमिलनाडु, कर्नाटक को मेकेदातु में अंतरराज्यीय नदी पर बांध बनाने की कभी अनुमति नहीं देगा।
दुरईमुरुगन कावेरी मुद्दे पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत से मुलाकात के बाद आज तड़के नयी दिल्ली से यहां पहुंचे। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में अंतर-राज्यीय नदी से कम मात्रा में जल की आपूर्ति का मुद्दा केंद्र के समक्ष उठाने की बात कही।
तमिलनाडु के जल संसाधन मंत्री ने राज्य को तीन जुलाई तक कावेरी नदी से कम मात्रा में पानी मिलने की ओर इशारा किया और कहा कि अगर यही स्थिति जारी रही तो तटीय जिलों में अल्पकालिक ‘कुरुवई फसलें’ प्रभावित हो सकती हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में कावेरी के तटीय जिलों में फसलों की रक्षा के लिए कर्नाटक को नदी से पानी छोड़ना होगा और इस उद्देश्य के लिए कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) को ‘‘कर्नाटक से बातचीत करनी होगी या उसे ऐसा करने का आदेश देना होगा।’’ उन्होंने कहा कि इस अनुरोध से शेखावत को अवगत करा दिया गया है।
दुरईमुरुगन ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों से तुरंत सीडब्ल्यूएमए की बैठक बुलाने के लिए कदम उठाने को कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘यह (कावेरी) कोई सामान्य मुद्दा नहीं है, यह जीवन का मुद्दा है और मैंने यह बात (केंद्रीय) मंत्री को स्पष्ट रूप से बता दी है।’’
इसके अलावा, कर्नाटक सरकार भी जल-बंटवारे पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का पालन करने के लिए बाध्य है।
भारतीय जनता पार्टी की तमिलनाडु इकाई के प्रमुख के. अन्नामलाई के इस बयान पर कि अगर कावेरी विवाद की पृष्ठभूमि में इस महीने के अंत में बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक में राज्य के मुख्यमंत्री शामिल होते हैं तो उनकी पार्टी ‘‘स्टालिन वापस जाओ’’ के नारे के साथ विरोध प्रदर्शन करेगी, इस पर दुरईमुरुगन ने कहा, ‘‘यह उनकी इच्छा है।’’
भाषा सुरभि शोभना
शोभना