बेंगलुरू, नौ मार्च (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने करोड़ों रुपये के अवैध खनन के सिलसिले में खनन कारोबारी और कर्नाटक के पूर्व मंत्री गली जनार्दन रेड्डी के धन के लेन-देन का विवरण प्रस्तुत करने के लिए स्विट्जरलैंड, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अधिकारियों को अनुरोध पत्र (एलओआर) जारी करने का आदेश दिया है।
सीबीआई मामलों की विशेष न्यायाधीश चंद्रकला ने चार मार्च को पारित आदेश में कहा, ‘‘स्विटजरलैंड के सक्षम प्राधिकारी से न्यायिक सहायता के लिए सीआरपीसी की धारा 166-ए के तहत दायर आवेदन को अनुमति दी जाती है। कार्यालय को स्विट्जरलैंड में सक्षम प्राधिकारी के पक्ष में अनुरोध पत्र जारी करने का निर्देश दिया जाता है। कार्यालय को निर्देश दिया जाता है कि वह आदेश की प्रति और दस्तावेजों का विवरण प्राधिकरण को भेजे।’’
इसी तरह के आदेश यूएई, सिंगापुर और आइल ऑफ मैन के अधिकारियों से जीएलए ट्रेडिंग इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड का विवरण मांगने वाले सीबीआई के अनुरोध के संबंध में जारी किये गये थे।
अदालत का यह आदेश ‘कल्याण राज्य प्रगति पक्ष’ (केआरपीपी) पार्टी के संस्थापक रेड्डी के मई में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों से पहले किये जा रहे प्रचार के दौरान आया है।
सीबीआई ने गली जनार्दन रेड्डी, जी लक्ष्मी अरुणा, आईएएस अधिकारी एमई शिवलिंग मूर्ति, आईएफएस अधिकारी एस मुथैया, के महफूज अली खान, एसपी राजू, महेश ए पाटिल और पूर्व रेंजर वन अधिकारी एच राममूर्ति के खिलाफ अर्जी दायर की थी। अरुणा मामले में आरोप मुक्त हो चुकी हैं।
केंद्रीय एजेंसी स्विट्जरलैंड में जीएलए ट्रेडिंग इंटरनेशनल के निगमन, स्विस बैंकों में कंपनी के खाते का विवरण, मालिकों का विवरण, अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं, बैंक खातों और विवादित कंपनी के साथ गली जनार्दन रेड्डी और उनके परिवार के सदस्यों के संबंध का विवरण मांग रही है।
अदालत ने अपने आदेश में सीबीआई के अनुरोध का भी संज्ञान लिया।
सीबीआई ने कहा है कि जानकारी के अनुसार, अवैध खनन की प्रक्रिया के माध्यम से अर्जित किया गया पूरा पैसा अपराध की आय का हिस्सा होगा और धन की पहचान करना एवं कानूनी कार्रवाई शुरू करना आवश्यक है।
भाषा सुरेश मनीषा
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