CDS on Operation Sindoor: ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान ‘फेक न्यूज’ ने बढ़ाई समस्या!.. CDS का दावा, “15% समय झूठी खबरों ने किया खराब”

गलत सूचनाओं से निबटने की रणनीति के सवाल पर सीडीएस ने कहा कि, "देश के आख्यान विश्वसनीयता पर आधारित हैं, भले ही वे कभी-कभी धीरे-धीरे सामने आते हों।"

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  • Publish Date - June 2, 2025 / 12:08 PM IST,
    Updated On - June 2, 2025 / 12:08 PM IST

CDS on Fake News During Operation Sindoor || Image- I am JJ x handle

HIGHLIGHTS
  • ऑपरेशन सिंदूर में 15% समय फर्जी खबरों से निपटने में बर्बाद हुआ।
  • सीडीएस चौहान बोले- संतुलित संचार रणनीति से फर्जी सूचनाओं पर नियंत्रण पाया गया।
  • शुरूआती दौर में महिला अधिकारी बनीं प्रवक्ता, सैन्य नेतृत्व व्यस्त रहा अभियानों में।

CDS on Fake News During Operation Sindoor: नई दिल्ली: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर मीडिया के सामने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने दावा किया है कि, युद्द के दौरान ‘झूठी और भ्रामक ख़बरों’ के कारण सैन्य बलों का 15 प्रतिशत वक़्त खराब हुआ। उन्होंने बताया है कि, सशस्त्र बलों का लगभग 15 प्रतिशत समय झूठी खबरों से निपटने में लगा।

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शांगरी-ला वार्ता के दौरान जनरल चौहान ने कहा, “फर्जी खबरों से निपटना हमारा निरंतर प्रयास था। हमारी संचार रणनीति सोची-समझी थी। हमने प्रतिक्रियात्मक नहीं, बल्कि संतुलित रहना चुना, क्योंकि गलत सूचना उच्च-दांव वाले अभियानों के दौरान लोगों की धारणा को जल्दी से बिगाड़ सकती है।”

CDS on Fake News During Operation Sindoor: गलत सूचनाओं से निबटने की रणनीति के सवाल पर सीडीएस ने कहा कि, “देश के आख्यान विश्वसनीयता पर आधारित हैं, भले ही वे कभी-कभी धीरे-धीरे सामने आते हों।” उन्होंने कहा, “भारत ने हमेशा अपने आख्यानों को ठोस आधार पर बनाया है, भले ही हम उन्हें प्रस्तुत करने में कभी-कभी धीमे रहे हों।” “उदाहरण के लिए, पहले तीन दिनों में, दो महिला अधिकारी हमारी प्राथमिक प्रवक्ता थीं क्योंकि वास्तविक सैन्य नेतृत्व सीधे तेज़ गति से चलने वाले अभियानों में शामिल था। 10 तारीख के बाद ही डीजीएमओ मीडिया को जानकारी देने के लिए आगे आए।”

1. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान फर्जी खबरों का सेना पर क्या प्रभाव पड़ा?

फर्जी और भ्रामक खबरों के कारण सेना का लगभग 15 प्रतिशत समय इनसे निपटने में व्यर्थ गया।

2. सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने गलत सूचनाओं से निपटने के लिए क्या रणनीति अपनाई?

सेना ने प्रतिक्रियात्मक नहीं बल्कि संतुलित संचार रणनीति अपनाई, जिससे गलत धारणा फैलने से रोकी गई।

3. ऑपरेशन की शुरुआत में मीडिया से जानकारी साझा करने की क्या व्यवस्था थी?

पहले तीन दिनों तक दो महिला अधिकारी प्रवक्ता रहीं, क्योंकि सैन्य नेतृत्व ऑपरेशन में व्यस्त था।