सेंट्रल विस्टा: धरोहर समिति की मंजूरी के बाद शुरू होगा नये संसद भवन का निर्माण

सेंट्रल विस्टा: धरोहर समिति की मंजूरी के बाद शुरू होगा नये संसद भवन का निर्माण

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  • Publish Date - January 5, 2021 / 12:58 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:36 PM IST

नयी दिल्ली, पांच जनवरी (भाषा) सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना को संचालित कर रहा केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी), धरोहर संरक्षण समिति से मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही नये संसद भवन का निर्माण कार्य शुरू करेगा। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

समिति की वेबसाइट के अनुसार समिति के अध्यक्ष केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के एक विशेष सचिव या अतिरिक्त सचिव हैं।

राष्ट्रीय राजधानी में धरोहर भवनों और प्राकृतिक विशेषताओं वाले क्षेत्रों के संरक्षण के लिए दिल्ली भवन निर्माण उपनियम 1983 में नया खंड 23 जोड़कर समिति का गठन किया गया था।

समिति की वेबसाइट के अनुसार इसके सदस्यों में अतिरिक्त महानिदेशक (सीपीडब्ल्यूडी), मुख्य शहर नियोजक (एमसीडी), डीडीए आयुक्त (योजना), मुख्य वास्तुकार (एनडीएमसी), भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक के प्रतिनिधि और राष्ट्रीय इतिहास संग्रहालय के निदेशक शामिल हैं।

केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘सीपीडब्ल्यूडी समिति से संपर्क करेगा और नये संसद भवन के निर्माण को शुरू करने से पहले अनुमति मांगेगा। इसके बाद संबंधित एजेंसियां अन्य औपचारिकताएं पूरी करेंगी।’’

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि नये भवन का स्वरूप पहले की तरह ही होगा, इसलिए धरोहर संरक्षण समिति से अनुमति मिलने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।

पिछले साल सितंबर में टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को नये संसद भवन के निर्माण का ठेका दिया गया था।

इससे पहले आज उच्चतम न्यायालय ने मोदी सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना का रास्ता साफ कर दिया। शीर्ष अदालत ने बहुमत के एक फैसले में कहा कि नये स्थानों पर निर्माण शुरू करने से पहले धरोहर संरक्षण समिति और अन्य संबंधित प्राधिकारों से पूर्व अनुमति ली जाएगी।

सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च में वरिष्ठ अनुसंधानकर्ता कांची कोहली के अनुसार उच्चतम न्यायालय का फैसला केवल नयी संसद के लिए अनुमति, परियोजना के सलाहकार के चयन और सेंट्रल विस्टा परियोजना के कुछ घटकों के लिए भूमि उपयोग के बदलाव के संबंध में ही है।

कोहली ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि धरोहर संरक्षण समिति की मंजूरी मिलने तक नये संसद भवन का निर्माण नहीं हो सकता।’’

भाषा वैभव अविनाश

अविनाश