शरद यादव को बंगला खाली करने के लिए यथोचित समय बताने का केंद्र को निर्देश

शरद यादव को बंगला खाली करने के लिए यथोचित समय बताने का केंद्र को निर्देश

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  • Publish Date - March 28, 2022 / 09:02 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:36 PM IST

नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केंद्र सरकार को यह बताने को कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव को मानवता के आधार पर सरकारी बंगला खाली करने के लिए कितना यथोचित समय दिया जा सकता है क्योंकि वह कई रोगों का इलाज करा रहे हैं।

शीर्ष अदालत ने यादव से कहा कि उन्हें हलफनामा देना होगा कि वह निर्धारित तारीख पर सरकारी बंगला खाली कर देंगे।

केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि सरकारी आवासों की कमी है और केंद्रीय मंत्री पशुपति नाथ पारस इस बंगले के खाली होने का इंतजार कर रहे हैं।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि वह इस मामले की राजनीति में नहीं जाना चाहती, लेकिन इस मामले का समाधान विशुद्ध रूप से मानवता की दृष्टि से करने के बारे में विचार कर रही है।

यादव की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उनका (यादव का) कार्यकाल जुलाई में खत्म हो रहा है और वह हलफनामा देने को इच्छुक है कि वह उस समय तक बंगला खाली कर देंगे।

सिब्बल ने कहा, ‘‘इस आदमी को (यादव को) हर रोज डायलिसिस से गुजरना होता है। कोविड के दौरान उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था और वह विभिन्न प्रकार के रोगों से ग्रस्त हैं। मैं (यादव) यह नहीं कह रहा कि मैं (यादव) बंगला खाली नहीं करुंगा, लेकिन मुझे कुछ यथोचित समय दिया जाए।’’

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा कि राजधानी में सरकारी आवास की कमी है और मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कई मंत्रियों को बंगले देने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें (यादव को) राज्यसभा से अयोग्य करार दिया गया है। अयोग्यता से संबंधित उनकी रिट याचिका अधिनिर्णय के लिए लंबित है।’’

जैन ने कहा कि यादव ने अब बंगले को अपने पास रखने के लिए राष्ट्रीय जनता दल में अपनी पार्टी का विलय कर दिया है।

पीठ ने जैन से कहा कि वह केंद्र सरकार से यह निर्देश लेकर आएं कि यादव को मानवता के आधार पर कितना समय दिया जा सकता है। इसके साथ ही उसने मामले की सुनवाई बृहस्पतिवार तक के लिए स्थगित कर दी।

भाषा सुरेश नरेश

नरेश