छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामला: ईडी ने आईएएस अधिकारी निरंजन दास को गिरफ्तार किया

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामला: ईडी ने आईएएस अधिकारी निरंजन दास को गिरफ्तार किया

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  • Publish Date - December 23, 2025 / 09:32 PM IST,
    Updated On - December 23, 2025 / 09:32 PM IST

नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से जुड़े मामले में आईएएस अधिकारी निरंजन दास को गिरफ्तार किया है। ईडी का दावा है कि दास ने लगभग 18 करोड़ रुपये की अपराध से प्राप्त आय हासिल की और इस रैकेट को सुगम बनाने में “केंद्रीय भूमिका” निभायी। यह जानकारी एक आधिकारिक बयान से मिली।

दास को प्रवर्तन निदेशालय के रायपुर जोनल कार्यालय ने 19 दिसंबर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत गिरफ्तार किया।

धन शोधन की जांच राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो/आर्थिक अपराध शाखा (एसीबी/ईओडब्ल्यू) द्वारा भारतीय दंड संहिता तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत दर्ज की गई एक प्राथमिकी के आधार पर शुरू की गई।

ईडी के अनुसार, जांच में यह सामने आया है कि कथित घोटाले से राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और इससे 2,500 करोड़ रुपये से अधिक की अपराध से प्राप्त आय उत्पन्न हुई।

एजेंसी ने दावा किया कि डिजिटल रिकॉर्ड, जब्त दस्तावेज और बयानों के रूप में उपलब्ध साक्ष्य यह दर्शाते हैं कि दास शराब सिंडिकेट के “सक्रिय सहभागी” थे। उसने आरोप लगाया कि उन्हें अतिरिक्त प्रभार के रूप में आबकारी आयुक्त और आबकारी विभाग का सचिव बनाया गया था, “केवल इस घोटाले को सुगम बनाने के उद्देश्य से।”

ईडी ने आरोप लगाया, “आबकारी आयुक्त के रूप में, उन्होंने अपने वैधानिक कर्तव्यों की उपेक्षा की, सरकारी राजस्व की लूट को सुगम बनाया और 50 लाख रुपये के मासिक भुगतान के बदले सिंडिकेट को बिना रोकटोक संचालन करने दिया।”

ईडी ने यह भी कहा कि दास ने अपने क्षेत्राधिकार में अवैध और बिना हिसाब की शराब की बिक्री बढ़ाने के लिए क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देशित किया।

दास के अलावा, ईडी ने इस मामले में कई अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है, जिनमें पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टूटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, भारतीय दूरसंचार सेवा अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी, पूर्व छत्तीसगढ़ आबकारी मंत्री एवं विधायक कवासी लकमा, चैतन्य बघेल (पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र) और सौम्या चौरसिया शामिल हैं।

इसी बीच, एसीबी/ईओडब्ल्यू ने अपनी नवीनतम अनुपूरक आरोपपत्र में दावा किया है कि चैतन्य बघेल ने कथित घोटाले से अपने हिस्से के रूप में 200 करोड़ रुपये से 250 करोड़ रुपये प्राप्त किए।

एजेंसी ने कहा कि लगभग 3,800 पृष्ठों के आरोपपत्र में उन्हें 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के मामले में आरोपी के रूप में नामजद किया गया है और इसमें सिंडिकेट के अधिकारियों और कर्मचारियों का समन्वय करने में उनकी कथित भूमिका का विवरण दिया गया है।

एजेंसी ने आरोप लगाया कि अपराध से प्राप्त राशि को शराब कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लों से जुड़े फर्म के माध्यम से भेजा गया और इसे रियल एस्टेट परियोजनाओं में निवेश किया गया। एजेंसी ने दावा किया कि कुल अपराध से प्राप्त राशि 3,500 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है।

धन शोधन के पहलू की जांच कर रही ईडी ने आरोप लगाया है कि 2019 से 2022 तक, जब कांग्रेस सरकार सत्ता में थी, राज्य में बेची गई हर शराब की बोतल से अवैध रूप से राशि एकत्र की गई। ईओडब्ल्यू/एसीबी ने जनवरी 2024 में एक प्राथमिकी दर्ज की, जिसमें 70 व्यक्तियों और कंपनियों का नाम शामिल किया गया।

भाषा अमित माधव

माधव