सरपंच हत्या मामला: अदालत ने मुख्य आरोपी वाल्मिक कराड, सात अन्य के खिलाफ आरोप तय किए

सरपंच हत्या मामला: अदालत ने मुख्य आरोपी वाल्मिक कराड, सात अन्य के खिलाफ आरोप तय किए

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  • Publish Date - December 23, 2025 / 10:22 PM IST,
    Updated On - December 23, 2025 / 10:22 PM IST

बीड, 23 दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र के बीड जिले में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के एक साल से अधिक समय बाद, यहां की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को मुख्य आरोपी वाल्मिक कराड और सात अन्य के खिलाफ मामले में आरोप तय किए। इससे, मुकदमे की सुनवाई का मार्ग प्रशस्त हो गया।

देशमुख, राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र में बीड जिले के मस्साजोग गांव के सरपंच थे। पिछले साल 9 दिसंबर को एक ऊर्जा कंपनी से कथित तौर पर की जा रही वसूली को रोकने का प्रयास करने के कारण देशमुख को अगवा कर लिया गया और प्रताड़ित करके मार दिया गया था। इस क्रूर हत्या को लेकर पूरे महाराष्ट्र में आक्रोश उत्पन्न हो गया था।

मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें कराड भी शामिल है। कराड महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता धनंजय मुंडे का करीबी सहयोगी है, जबकि एक आरोपी अभी फरार है।

मकोका से संबंधित मामलों की सुनवाई कर रही बीड की एक विशेष अदालत ने आठ आरोपियों—कराड, विष्णु चाटे, सुदर्शन घुले, प्रतीक घुले, सुधीर सांगले, महेश केदार, जयराम चाटे और कृष्ण अंधाले (जो फरार है) के खिलाफ आरोप तय किए हैं।

सातों आरोपी वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं। उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1), 140(1), 126(1), 324(4), 189(2), 191(2), 61(2) सहित अन्य धाराओं और मकोका तथा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराओं के तहत आरोप तय किए गए हैं।

आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत के समक्ष पेश किया गया।

अदालत ने घटनाओं के विस्तृत क्रम और प्रत्येक आरोपी के खिलाफ आरोप पढ़े। इसके बाद अदालत ने प्रत्येक से पूछा कि क्या वे आरोप स्वीकार करते हैं। कराड समेत सभी आरोपियों ने आरोप स्वीकार नहीं किया।

कराड सुनवाई के दौरान पहली बार अदालत में बोला और कहा कि वह आरोप स्वीकार नहीं करता। इससे पहले की सुनवाइयों में वह चुप रहा था।

मामले में कराड की गिरफ्तारी के बाद, धनंजय मुंडे ने इस साल मार्च में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता मौजूद थे, जबकि अभियोजन पक्ष का नेतृत्व विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम और सहायक लोक अभियोजक बालासाहेब कोल्हे ने किया।

सुनवाई के बाद मीडिया से बात करते हुए निकम ने कहा कि जांच स्पष्ट रूप से यह साबित करती है कि सरपंच देशमुख की हत्या इसलिए की गई क्योंकि वे वसूली में बाधा बन गए थे।

निकम ने आरोप लगाया कि बचाव पक्ष के वकीलों ने सुनवाई को विलंबित करने और भटकाने का प्रयास किया, लेकिन अदालत ने इन उचित आदेश पारित किए। उन्होंने यह भी कहा कि साक्ष्य पेश करना जल्द ही शुरू हो जाएगा और तीव्र सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।

मामले की अगली सुनवाई 8 जनवरी 2026 को होगी।

भाषा अमित सुभाष

सुभाष