सीआईएसएफ ने ‘कार्य-जीवन का बेहतर संतुलन’ सुनिश्चित करने के लिए स्थानांतरण-तैनाती की नयी नीति शुरू की

सीआईएसएफ ने ‘कार्य-जीवन का बेहतर संतुलन’ सुनिश्चित करने के लिए स्थानांतरण-तैनाती की नयी नीति शुरू की

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  • Publish Date - December 23, 2024 / 09:34 PM IST,
    Updated On - December 23, 2024 / 09:34 PM IST

नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने सोमवार को कहा कि उसने अपने कर्मियों के लिए ‘‘कार्य-जीवन का बेहतर संतुलन’’ सुनिश्चित करने के मद्देनजर एक नई स्थानांतरण एवं तैनाती नीति शुरू की है।

सीआईएसएफ के जवान देश की कुछ सबसे महत्वपूर्ण संपत्तियों और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा में तैनात हैं।

यह नीति अर्धसैनिक बल के लगभग 1.70 लाख कर्मचारियों में से 98 प्रतिशत पर प्रभाव डालेगी, जिसमें दो वर्ष के भीतर सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिक पहली श्रेणी में होंगे, जिन्हें पसंदीदा स्थान पर तैनाती दी जाएगी, इसके बाद महिला कार्मिकों, कार्यरत दंपतियों तथा शेष को चौथी श्रेणी में रखा जाएगा।

अधिकारियों ने बताया कि 31 दिसंबर से लागू होने वाली यह नीति कांस्टेबल से लेकर निरीक्षक तक के गैर-राजपत्रित अधिकारियों के लिए है, क्योंकि इस मुद्दे से संबंधित शिकायतें इन पदों पर अधिक हैं।

सीआईएसएफ के महानिरीक्षक (प्रशासन) के.सी. सामंता-रे ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘इस नीति का उद्देश्य बल की परिचालन आवश्यकताओं से समझौता किए बिना बल के कार्मिकों को उनके स्थानांतरण, नियुक्ति और कार्यस्थल के संबंध में संतुष्ट करना है।’’

भाषा

शफीक सुरेश

सुरेश