UCC will be implemented in Uttarakhand
UCC will be implemented in Uttarakhand : देहरादून। CMके नेतृत्व में उत्तराखंड एक और इतिहास रचने को तैयार है। जल्द ही समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा। यूसीसी को लेकर गठित विशेषज्ञ समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप सकती है। रिपोर्ट मिलने के बाद इसे विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा।
UCC will be implemented in Uttarakhand : सूत्रों की मानें तो सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना देसाई की अध्यक्षता में गठित समिति यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार कर चुकी है। समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप सकती है। रिपोर्ट विधानसभा में पेश किए जाने के बाद इसकी अन्य औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। देश के किसी भी राज्य में अभी यूसीसी लागू नहीं है। इस प्रकार उत्तराखंड सबसे पहले यूसीसी को लागू कर नया इतिहास कायम करेगा।
विशेषज्ञ समिति ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए प्रदेश के सभी 13 जनपदों के नागरिकों से संवाद किया। समिति को जनता की ओर से ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से ढाई लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हुए। प्रवासी उत्तराखण्डियों से भी समिति ने यूसीसी पर चर्चा की। सभी सुझावों का संज्ञान लेने के बाद समिति ने ड्राफ्ट को अंतिम रूप दिया है।
दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सीएम धामी ने अपने वायदे के अनुसार 23 मार्च 2022 को हुई पहली कैबिनेट बैठक में राज्य में नागरिक संहिता कानून (यूसीसी) लागू करने का फैसला किया। यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए 27 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति गठित कर दी गई।
सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना देसाई की अध्यक्षता में गठित समिति में दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रमोद कोहली, उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल और सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़ शामिल हैं।
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) में देश में निवास कर रहे सभी धर्म और समुदाय के लोगों के लिए समान कानून की वकालत की गई है। अभी हर धर्म और जाति का अलग कानून है, इसके हिसाब से ही शादी, तलाक जैसे व्यक्तिगत मामलों में निर्णय होते हैं। यूसीसी लागू होने के बाद हर धर्म और जाति के नागरिकों के लिए विवाह पंजीकरण, तलाक, बच्चा गोद लेना और सम्पत्ति के बंटवारे जैसे मामलों में समान कानून लागू होगा।