CM Pushkar Singh Dhami: आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए राज्य की सरकार कृत संकल्पित.. विश्व आयुर्वेद सम्मेलन एवं आरोग्य एक्सपो में शामिल हुए सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड प्राचीन काल से ही आयुर्वेद एवं औषधीय संपदा की भूमि रही है। हमारे पर्वतीय क्षेत्र में पाई जाने वाली औषधीय जड़ी-बूटियों ने आयुर्वेद को स्वास्थ्य के मूल तत्व के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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  • Publish Date - August 12, 2025 / 07:44 AM IST,
    Updated On - August 12, 2025 / 07:44 AM IST

World Ayurveda Conference and Arogya Expo || Image- ANI News File

HIGHLIGHTS
  • उत्तराखंड में हर जिले में आयुष ग्राम मॉडल बनेगा।
  • आयुर्वेद को वैश्विक पहचान दिलाने को सरकार प्रतिबद्ध।
  • आयुर्वेद सम्मेलन में सीएम ने योग-वेलनेस केंद्रों की घोषणा।

World Ayurveda Conference and Arogya Expo: देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सोमवार को राजधानी देहरादून में आयोजित विश्व आयुर्वेद सम्मेलन एवं आरोग्य एक्सपो में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार राज्य में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

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हर जिले में आयुष ग्राम मॉडल

मुख्यमंत्री धामी ने विश्व आयुर्वेद सम्मेलन एवं आरोग्य एक्सपो कार्यक्रम में शामिल होते हुए बताया कि, इसके लिए प्रत्येक जिले में एक आयुष ग्राम मॉडल विकसित किया जा रहा है साथ ही, नए योग एवं वेलनेस सेंटर भी विकसित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह महज एक दस्तावेज नहीं बल्कि ज्ञान, अनुभव और गहन विचार-विमर्श का सार है, जो आने वाले वर्षों में आयुर्वेद के क्षेत्र में अनुसंधान, नीति-निर्माण और जन स्वास्थ्य की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और एक्सपो मार्ट के आयोजन से हमें न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर के विभिन्न देशों में अच्छे स्वास्थ्य प्राप्त करने में आयुर्वेद की क्षमता का संदेश देने में सक्षम बनाया है।

World Ayurveda Conference and Arogya Expo: मुख्यमंत्री ने कहा कि, हम अपनी सनातन हिन्दू संस्कृति के मूल सिद्धांत “सर्वे सन्तु निरामया:” के संदेश को भी विश्व तक व्यापक रूप से पहुँचाने में सफल रहे। मुख्यमंत्री ने विज्ञान भारती के “विज्ञान विद्यार्थी मंथन” की सराहना करते हुए कहा कि यह न केवल हमारे युवाओं में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा, शोध की प्रवृत्ति और नवाचार क्षमता विकसित करने की एक सशक्त पहल है, बल्कि भावी पीढ़ी को जिज्ञासु, जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बनाने का एक व्यापक अभियान भी है।

आयुर्वेद अनूठी चिकित्सा पद्धति

मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद विश्व की एक अनूठी चिकित्सा पद्धति है, जो प्राचीन काल से ही मानव सभ्यता के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करती आ रही है। आयुर्वेद न केवल बाहरी रोगों का, बल्कि हमारी बुद्धि और इंद्रियों से जुड़े आंतरिक विकारों का भी उपचार करता है। आयुर्वेद के इसी समग्र दृष्टिकोण के कारण आज इसकी स्वीकार्यता निरंतर बढ़ रही है। आयुर्वेद मानवता को दिया गया सबसे अमूल्य उपहार है।

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उत्तराखंड आयुर्वेद एवं औषधीय संपदा की भूमि

World Ayurveda Conference and Arogya Expo: मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड प्राचीन काल से ही आयुर्वेद एवं औषधीय संपदा की भूमि रही है। हमारे पर्वतीय क्षेत्र में पाई जाने वाली औषधीय जड़ी-बूटियों ने आयुर्वेद को स्वास्थ्य के मूल तत्व के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसलिए इस प्रकार का आयोजन हमारे राज्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में गठित आयुष मंत्रालय आज हमारे प्राचीन विज्ञान को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दिला रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आयुष विभाग की कॉफी टेबल बुक और विज्ञान भारती की विज्ञान विद्यार्थी मंथन प्रतियोगिता के पोस्टर का विमोचन किया, साथ ही आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए कई लोगों को सम्मानित भी किया।

1. प्रश्न: आयुष ग्राम मॉडल क्या है?

उत्तर: यह एक योजना है जिसके तहत हर जिले में आयुर्वेद, योग और वेलनेस सुविधाओं वाला एक आदर्श गांव विकसित किया जाएगा।

2. प्रश्न: विश्व आयुर्वेद सम्मेलन का उद्देश्य क्या है?

उत्तर: आयुर्वेद को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाना और शोध, नीति और स्वास्थ्य के क्षेत्र में इसकी भूमिका को बढ़ावा देना।

3. प्रश्न: उत्तराखंड में आयुर्वेद को कैसे बढ़ावा दिया जा रहा है?

उत्तर: नए वेलनेस सेंटर, आयुष ग्राम, जड़ी-बूटी संरक्षण, और आयुर्वेदिक कार्यक्रमों के ज़रिए राज्य सरकार इसे बढ़ावा दे रही है।

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