तुर्किये, अजरबैजान को लेकर भाजपा के कटाक्ष पर कांग्रेस का पलटवार

तुर्किये, अजरबैजान को लेकर भाजपा के कटाक्ष पर कांग्रेस का पलटवार

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  • Publish Date - May 15, 2025 / 01:06 AM IST,
    Updated On - May 15, 2025 / 01:06 AM IST

नयी दिल्ली, 14 मई (भाषा) कांग्रेस ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर पलटवार करते हुए कहा कि किसी भी देश के साथ संबंध रखने या नहीं रखने का फैसला सरकार को लेना है, विपक्ष को नहीं।

कांग्रेस का यह बयान भाजपा के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) विभाग के प्रमुख अमित मालवीय के ‘एक्स’ पर दिए गए बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था, ‘‘देश तुर्किये और अजरबैजान द्वारा आतंकी राष्ट्र पाकिस्तान को दिए गए समर्थन से क्रोधित है। इन देशों के साथ व्यापार और पर्यटन का बहिष्कार करने की मांग बढ़ रही है और लोग एकजुटता दिखा रहे हैं।’’

मालवीय ने कहा कि कांग्रेस पार्टी खुद को भारतीय लोगों की व्यापक भावना के साथ नहीं जोड़ पा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि यह जनता से इतना कट चुकी है। यह राजनीतिक विस्मृति और पूर्ण अलगाव की हकदार है।’’

मालवीय की इस टिप्पणी से पहले कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा से मीडियाकर्मियों ने पूछा था कि क्या पार्टी ‘बहिष्कार’ के आह्वान का समर्थन करती है, इस पर उन्होंने कहा था कि पार्टी जल्द इसका जवाब देगी।

मालवीय पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख खेड़ा ने कहा, ‘‘चूंकि यह सवाल भाजपा के एक पदाधिकारी द्वारा उठाया जा रहा है, इसलिए प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्री एस जयशंकर को तुरंत स्पष्ट करना चाहिए कि क्या भारत सरकार ने तुर्किये के साथ सभी राजनयिक और व्यापारिक संबंध तोड़ दिए हैं और भारत में अपना दूतावास भी बंद कर दिया है।’’

खेड़ा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘किसी भी देश के साथ संबंध रखने या नहीं रखने का फैसला सरकार को लेना है, विपक्ष को नहीं। विदेश मंत्रालय कृपया स्पष्ट करे।’’

कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्री एस जयशंकर को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि मोदी सरकार ने भारतीय क्षेत्र पर चीन के लगातार अतिक्रमण के बावजूद उसके साथ सामान्य संबंध क्यों रखा… या प्रधानमंत्री ने भारत के लोगों से झूठ क्यों बोला और 19 जून, 2020 को चीन को उसके अतिक्रमण के लिए सार्वजनिक रूप से ‘क्लीन चिट’ देकर राष्ट्रीय हितों को अपूरणीय क्षति क्यों पहुंचाई।’’

भाषा सुरभि अविनाश

अविनाश

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