सरना धर्म संहिता की मान्यता की मांग को लेकर कांग्रेस ने रांची में दिया धरना

सरना धर्म संहिता की मान्यता की मांग को लेकर कांग्रेस ने रांची में दिया धरना

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  • Publish Date - May 26, 2025 / 07:00 PM IST,
    Updated On - May 26, 2025 / 07:00 PM IST

रांची, 26 मई (भाषा) झारखंड में कांग्रेस ने सरना धर्म संहिता को मान्यता देने की मांग को लेकर सोमवार को राजभवन के बाहर धरना दिया।

झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश और प्रभारी के राजू उन लोगों में शामिल थे जिन्होंने आगामी जनगणना में सरना संहिता को शामिल करने की मांग को लेकर प्रदर्शन में हिस्सा लिया। सरना धर्म संहिता को आदिवासी लोग मानते हैं।

पूर्वी राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नीत सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा कांग्रेस ने झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार को एक ज्ञापन सौंपकर उनसे इस संबंध में कदम उठाने का आग्रह किया।

कमलेश ने कहा, ‘केंद्र को आगामी जनगणना में सरना धर्म संहिता को शामिल करना चाहिए। यह आदिवासियों की लंबे समय से लंबित मांग रही है।’

कांग्रेस नेता और राज्य की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि आदिवासी समाज अपने धर्म का पालन करने और उसे अपनाने के लिए स्वतंत्र है।

तिर्की ने कहा, ‘यह हमारा मौलिक अधिकार है। आदिवासी समाज समानता में विश्वास करता है। सरना धर्म संहिता को जनगणना के सातवें कॉलम में शामिल किया जाना चाहिए।’

लोहरदगा के सांसद सुखदेव भगत ने कहा, ‘सरना कोड आदिवासियों की आस्था, परंपरा और धार्मिक पहचान से जुड़ा है। इसकी मान्यता की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन भाजपा इस मुद्दे पर चुप रही है।’

भाषा

नोमान माधव

माधव