Contract Employees Regularization Order. Image Source: ibc24
नई दिल्लीः Contract Employees Regularization Order अपनी मांगों को लेकर सदन से सड़क तक लड़ाई लड़ने वाले संविदा कर्मचारियों को आखिरकार हाईकोर्ट से तोहफा मिल ही गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण जलकल विभाग के आउटसोर्सिंग संविदा पंप संचालकों को नियमित करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने औद्योगिक विकास के प्रमुख सचिव को नौकरी से बाहर किए गए संविदा कर्मचारियों को दोबारा बहाल करने को कहा है।
Contract Employees Regularization Order बता दें कि सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले संविदा कर्मचारी अपने नियमितीकरण को लेकर हमेशा चिंतित रहते हैं। भले ही वो सरकारी दफ्तरों में काम करते हैं, लेकिन सुविधा को नाम पर उन्हें ज्यादा कुछ नहीं मिलता। दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण जलकल विभाग के अंतर्गत तक पंप संचालकों की भर्ती संविदा आधार पर की गई थी। कुछ कारणवश 23 संविदा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया था। इसके बाद उन लोगों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए भारत सरकार द्वारा बनाए गए जीईएम पोर्टल के माध्यम से नोएडा प्राधिकरण के जलकल विभाग के आउटसोर्सिंग संविदा पंप संचालकों के समान वेतन दिए जाने की मांग की थी।
दायर याचिका को लेकर हाईकोर्ट ने एक के बाद एक दोनों पक्षों की दलीलें सुनी और उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास के प्रमुख सचिव को आदेश दिया कि वह कोर्ट की प्रमाणित प्रति प्राप्त होने के चार माह के भीतर याचिकाकर्ताओं की सेवाओं को उनके पद पर नियमित करने की प्रक्रिया पूरी करें। हाईकोर्ट ने यह भी आदेश दिया था कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा अवैध रूप से समाप्त किए गए विभिन्न विभागों के 23 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की सेवाएं तीन माह के भीतर बहाल की जाएं। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद संविदा कर्मचारियों में खुशी की लहर है।