Contract Employees Regularization Order : आखिरकार हो गई संविदा कर्मचारियों की जीत, हाईकोर्ट ने दिया नियमित करने का आदेश, बर्खास्त कर्मियों की भी होगी वापसी

आखिरकार हो गई संविदा कर्मचारियों की जीत, हाईकोर्ट ने दिया नियमित करने का आदेश, Contract Employees Regularization Order Issued by high court

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  • Publish Date - June 7, 2025 / 06:48 PM IST,
    Updated On - June 7, 2025 / 06:53 PM IST

Contract Employees Regularization Order. Image Source: ibc24

HIGHLIGHTS
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संविदा पंप ऑपरेटरों के नियमितीकरण का आदेश दिया।
  • 23 बर्खास्त कर्मचारियों को तीन माह के भीतर पुनः सेवा में लेने का निर्देश।
  • संविदा कर्मचारियों के लंबे संघर्ष को न्यायिक मान्यता मिली।

नई दिल्लीः Contract Employees Regularization Order  अपनी मांगों को लेकर सदन से सड़क तक लड़ाई लड़ने वाले संविदा कर्मचारियों को आखिरकार हाईकोर्ट से तोहफा मिल ही गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण जलकल विभाग के आउटसोर्सिंग संविदा पंप संचालकों को नियमित करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने औद्योगिक विकास के प्रमुख सचिव को नौकरी से बाहर किए गए संविदा कर्मचारियों को दोबारा बहाल करने को कहा है।

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Contract Employees Regularization Order  बता दें कि सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले संविदा कर्मचारी अपने नियमितीकरण को लेकर हमेशा चिंतित रहते हैं। भले ही वो सरकारी दफ्तरों में काम करते हैं, लेकिन सुविधा को नाम पर उन्हें ज्यादा कुछ नहीं मिलता। दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण जलकल विभाग के अंतर्गत तक पंप संचालकों की भर्ती संविदा आधार पर की गई थी। कुछ कारणवश 23 संविदा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया था। इसके बाद उन लोगों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए भारत सरकार द्वारा बनाए गए जीईएम पोर्टल के माध्यम से नोएडा प्राधिकरण के जलकल विभाग के आउटसोर्सिंग संविदा पंप संचालकों के समान वेतन दिए जाने की मांग की थी।

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दायर याचिका को लेकर हाईकोर्ट ने एक के बाद एक दोनों पक्षों की दलीलें सुनी और उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास के प्रमुख सचिव को आदेश दिया कि वह कोर्ट की प्रमाणित प्रति प्राप्त होने के चार माह के भीतर याचिकाकर्ताओं की सेवाओं को उनके पद पर नियमित करने की प्रक्रिया पूरी करें। हाईकोर्ट ने यह भी आदेश दिया था कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा अवैध रूप से समाप्त किए गए विभिन्न विभागों के 23 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की सेवाएं तीन माह के भीतर बहाल की जाएं। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद संविदा कर्मचारियों में खुशी की लहर है।

यह फैसला किन कर्मचारियों के लिए आया है?

यह फैसला ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जलकल विभाग में कार्यरत संविदा पंप संचालकों के लिए आया है।

कोर्ट ने क्या आदेश दिया है?

हाईकोर्ट ने 4 महीने के भीतर इन कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने और 3 महीने में बर्खास्त किए गए 23 कर्मचारियों की बहाली के आदेश दिए हैं।

क्या यह फैसला अन्य संविदा कर्मचारियों पर लागू होता है?

यह आदेश विशेष रूप से ग्रेटर नोएडा जलकल विभाग के लिए है, लेकिन यह अन्य संविदा कर्मचारियों के लिए एक मिसाल बन सकता है।

क्या कोर्ट ने वेतन और भत्तों पर भी कुछ कहा है?

याचिकाकर्ताओं ने GEM पोर्टल के अनुसार समान वेतन की मांग की थी, हालांकि कोर्ट का मुख्य फोकस नियमितीकरण और बहाली पर रहा।

सरकार को यह प्रक्रिया कितने समय में पूरी करनी है?

कोर्ट ने आदेश की प्रमाणित प्रति मिलने के 4 महीने के भीतर नियमितीकरण और 3 महीने के भीतर बहाली की समयसीमा तय की है।