Contractual Employees Latest News: नियमितीकरण का इंतजार कर रहे संविदा कर्मचारियों के लिए मोदी सरकार का बड़ा फैसला, आदेश पढ़कर आप भी कहेंगे- आ गए हमारे अच्छे दिन

Contractual Employees Latest News: नियमितीकरण का इंतजार कर रहे संविदा कर्मचारियों के लिए मोदी सरकार का बड़ा फैसला, आदेश पढ़कर आप भी कहेंगे- आ गए हमारे अच्छे दिन

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  • Publish Date - November 28, 2025 / 12:38 PM IST,
    Updated On - November 28, 2025 / 12:39 PM IST

Contractual Employees Latest News: नियमितीकरण का इंतजार कर रहे संविदा कर्मचारियों के लिए मोदी सरकार का बड़ा फैसला / Image: IBC24 Customized

HIGHLIGHTS
  • श्रम नियमन को सुव्यवस्थित किया
  • कर्मचारी के लिए एक समान कानूनी सुरक्षा के साथ न्यूनतम वेतन सुनिश्चित
  • समान वेतन के ज़रिए महिला श्रमिकों का समर्थन

नई दिल्ली: Contractual Employees Latest News भारत सरकार समावेशी नीतियों और कार्यक्रमों के ज़रिए समानता और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे समाज के सभी वर्गों का उत्थान होता है। श्रम और रोजगार मंत्रालय का मकसद बेहतर कार्य परिस्थितियाँ और गुणवत्तापूर्ण जीवन की सुविधाएं देकर रोजगार के अवसरों को स्थायी रूप से बढ़ाना है।

Contractual Employees Latest News श्रम पर दूसरे राष्ट्रीय आयोग ने अपनी सिफारिशों में कहा था कि मौजूदा श्रम कानूनों को कार्यात्मक आधार पर मोटे तौर पर चार या पाँच श्रम संहिताओं में बांटा जाना चाहिए। नतीजतन, वेतन संहिता, 2019, उन चार श्रम संहिताओं में से एक है, जिन्हें अधिनियमित किया गया है। वेतन संहिता, 2019 उद्यमों की स्थिरता सुनिश्चित करते हुए समानता और श्रम कल्याण को आगे बढ़ाने की दिशा में एक कदम है। यह प्रमुख शब्दों की परिभाषाओं का मानकीकरण करती है, प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करती है, अस्पष्टता को कम करती है और नियोक्ताओं के लिए तेज़, समयबद्ध न्याय सुनिश्चित करती है। श्रम सुधारों का बड़ा मकसद सभी के लिए अच्छे रोजगार के अवसर पैदा करके आर्थिक विकास को रफ्तार देना है।

वेतन संहिता, 2019, में वेतन और भुगतान संबंधी चार श्रम कानूनों, वेतन भुगतान अधिनियम, 1936, न्यूनतम वेतन अधिनियम, 1948, बोनस भुगतान अधिनियम, 1965 और समान पारिश्रमिक अधिनियम, 1976 शामिल हैं। यह श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा और नियोक्ताओं के लिए अनुपालन को आसान बनाने के बीच तालमेल स्थापित करती है। यह संहिता श्रम विनियमन को सुव्यवस्थित और मज़बूत बनाने के लिए प्रमुख सुधार पेश करती है।

यह संहिता उचित वेतन, सामाजिक सुरक्षा और शोषण से सुरक्षा जैसे उपायों के ज़रिए कर्मचारियों के हितों की रक्षा करती है और कार्यस्थल पर सम्मान और स्थिरता सुनिश्चित करती है। यह समान वेतन और प्रतिनिधित्व के ज़रिए महिला श्रमिकों का भी समर्थन करती है और समावेशी भागीदारी को बढ़ावा देती है। सभी श्रमिकों के लिए उचित वेतन और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए, यह उत्पादकता और श्रम कल्याण को बढ़ावा देती है। कुल मिलाकर ये उपाय आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और कार्यस्थल में समानता की भावना को मजबूत करते हैं।

श्रमिक-समर्थक प्रावधान

  • उद्योग, श्रेणी या रोज़गार की प्रकृति की परवाह किए बगैर, प्रत्येक कर्मचारी के लिए न्यूनतम वेतन सुनिश्चित करता है।
  • वेतन असमानता को कम करते हुए, देश भर में एक समान कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है।
  • अस्थायी कर्मचारी, दिहाड़ी मज़दूर और प्रवासी मज़दूर जैसे कमज़ोर समूहों को लाभ पहुंचाता है।
  • वेतन अंतर को कम करके सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देता है।
  • कर्मचारियों की आय सुरक्षा और जीवन स्तर को बढ़ाता है।
  • राज्य सरकारों को अधिसूचित न्यूनतम स्तर से कम वेतन निर्धारित करने से रोककर, राज्यों में श्रमिकों की सुरक्षा करता है
  • कर्मचारियों की बुनियादी जीवन-यापन की ज़रुरतों जैसे भोजन, वस्त्र, आश्रय आदि की सुरक्षा करता है
  • मानकीकृत वेतन संरक्षण के ज़रिए सामाजिक और आर्थिक न्याय को बढ़ावा देता है
  • असंगठित और कमज़ोर श्रमिकों के लिए आय सुरक्षा प्रदान करता है

रोज़गार-समर्थक प्रावधान

  • कार्यबल में अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करता है, खास तौर पर महिलाओं और प्रवासियों की भागीदारी को।
  • उचित वेतन के साथ नौकरी की स्थिरता और प्रतिधारण में सुधार
  • उचित मुआवज़े में विश्वास बढ़ाते हुए रोज़गार में वृद्धि को बढ़ावा देता है, क्योंकि किसी भी कर्मचारी को सरकार द्वारा अधिसूचित न्यूनतम वेतन से कम भुगतान नहीं किया जाता है।

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वेतन संहिता, 2019 के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य क्या है?

वेतन संहिता, 2019 के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य श्रम कानूनों को सुव्यवस्थित करना, सभी कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन सुनिश्चित करना और समानता तथा श्रम कल्याण को बढ़ावा देना है।

वेतन संहिता, 2019 में कितने श्रम कानूनों को शामिल किया गया है?

वेतन संहिता, 2019 में वेतन और भुगतान संबंधी चार श्रम कानूनों को शामिल किया गया है।

वेतन संहिता किस प्रकार महिला श्रमिकों के हितों की रक्षा करती है?

यह संहिता समान वेतन और प्रतिनिधित्व के उपायों के ज़रिए महिला श्रमिकों का समर्थन करती है और समावेशी भागीदारी को बढ़ावा देती है।

श्रमिक-समर्थक प्रावधानों के तहत कमजोर समूहों को क्या लाभ मिलता है?

श्रमिक-समर्थक प्रावधानों के तहत अस्थायी कर्मचारी, दिहाड़ी मज़दूर और प्रवासी मज़दूर जैसे कमजोर समूहों को वेतन असमानता को कम करके और आय सुरक्षा प्रदान करके लाभ पहुंचाया जाता है।

वेतन संहिता से नियोक्ताओं को क्या फायदा होता है?

वेतन संहिता से नियोक्ताओं को प्रमुख शब्दों की परिभाषाओं के मानकीकरण, प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और तेज़, समयबद्ध न्याय सुनिश्चित करने के ज़रिए अनुपालन में आसानी होती है।