अदालत ने पति को क्रूरता और दहेज हत्या के आरोपों से बरी किया

अदालत ने पति को क्रूरता और दहेज हत्या के आरोपों से बरी किया

  •  
  • Publish Date - September 29, 2025 / 07:33 PM IST,
    Updated On - September 29, 2025 / 07:33 PM IST

नयी दिल्ली, 29 सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने एक व्यक्ति को दहेज हत्या और क्रूरता के आरोपों से बरी करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष मामला साबित करने में विफल रहा।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शीतल चौधरी प्रधान एक व्यक्ति के खिलाफ गोविंदपुरी पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 498ए (पति या उसके रिश्तेदार द्वारा महिला के साथ क्रूरता) और 304बी (दहेज हत्या) के तहत दर्ज मामले की सुनवाई कर रही थी।

अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि आरोपी बिलाल आदम ने दहेज के लिए अपनी पत्नी यास्मीन के साथ क्रूरता की, जिसके कारण उसने (महिला ने) 23 नवंबर, 2021 को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

अदालत ने 18 सितंबर को कहा कि महिला के माता-पिता और भाई-बहन सहित उसके परिवार के छह सदस्यों ने ऐसी कोई गवाही नहीं दी कि आरोपी ने उसके (यास्मीन के) साथ ससुराल में रहते हुए कोई क्रूरता की थी या उसकी मृत्यु से ठीक पहले दहेज की मांग को लेकर किसी भी तरह का उत्पीड़न किया था।

अदालत ने कहा, ‘‘अभियोजन पक्ष के किसी भी गवाह ने यह नहीं कहा कि मृतक यास्मीन को अभियुक्त के हाथों किसी भी प्रकार की क्रूरता का सामना करना पड़ा।’’

पीड़िता ने आत्महत्या करते वक्त लिखा हुआ कोई पत्र (सुसाइड नोट) नहीं छोड़ा, जिससे यह संकेत मिल सके कि उसके साथ क्रूरता की गई।

अदालत ने कहा, ‘‘इस प्रकार अभियोजन पक्ष क्रूरता के उन आवश्यक तत्वों को साबित करने में विफल रहा है, जो आईपीसी की धारा 498ए और 304बी के अंतर्गत आते हैं।’’

भाषा सुरेश पवनेश

पवनेश