नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) को लाजपत नगर के सेंट्रल मार्केट में रेहड़ी-पटरीवालों का आंकड़ा जुटाने के वास्ते सर्वेक्षण करने की अनुमति दे दी क्योंकि यह ऐसी गतिविधियों के लिए निषिद्ध क्षेत्र है।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने स्पष्ट किया कि प्रशासन इस अदालत के 2017 के फैसल को लागू करने के लिए बाध्य है । उच्च न्यायालय ने उस साल दिल्ली पुलिस और एसडीएमसी को सेंट्रल मार्केट से रेहड़ी-पटरीवालों को हटाने तथा उसे ऐसी गतिविधियों के लिए निषिद्ध क्षेत्र घोषित करने का निर्देश दिया था।
इस क्षेत्र में और रेहड़ी-पटरीवालों को आने से रोकने के लिए पीठ ने एसडीएमसी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि दो सप्ताह में सर्वेक्षण पूरा किया जाए, अन्यथा मध्य क्षेत्र के उपायुक्त व्यक्तिगत रूप से जवाबदेह होंगे।
अदालत ने दिल्ली पुलिस को एसडीएमसी को यह सुनिश्चित करने में सहायता करने का निर्देश दिया कि सर्वेक्षण कार्य दो सप्ताह में पूर हो जाए और यह भी कि कोई नया रेहड़ी-पटरीवाला वहां नहीं आये।
इसी के साथ न्यायालय ने फेडरेशन ऑफ लाजपत नगर ट्रेडर्स एसोसिएशन की याचिका का निस्तारण कर दिया । इस संगठन के वकील प्रणव प्रथि ने अदालत से कहा कि चूंकि संबंधित क्षेत्र में रेहड़ी-पटरी लगाने पर रोक है, इसलिए अगर निगम इस तरह की अवैध गतिविधियों की, इजाजत दे रहा है तो वह अदालत की अवमानना कर रहा है।
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राजकुमार अनूप
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