अदालत ने केटीयू की कुलपति प्रभारी से बने रहने, सरकार से जल्द खोज समिति गठित करने को कहा

अदालत ने केटीयू की कुलपति प्रभारी से बने रहने, सरकार से जल्द खोज समिति गठित करने को कहा

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  • Publish Date - November 29, 2022 / 09:46 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 09:46 PM IST

कोच्चि, 29 नवंबर (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सिजा थॉमस को राज्य में स्थित एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (केटीयू) की प्रभारी कुलपति के रूप में बने रहने की अनुमति दे दी, लेकिन राज्य सरकार को जल्द से जल्द एक चयन समिति गठित करने और कोई कुलपति नियुक्त करने का निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने नियुक्ति पर रोक लगाने के केरल सरकार के आग्रह को नहीं माना और कहा कि कुलाधिपति के रूप में राज्यपाल विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नियमों के आधार पर नियुक्तियां कर सकते हैं।

अदालत ने कहा, ‘…विश्वविद्यालय, कुलाधिपति और यूजीसी से अनुरोध है कि वे अपने नाम दें और एक खोज तथा चयन समिति का गठन करें तथा यदि संभव हो तो तीन से चार महीने के भीतर कुलपति की नियुक्ति करें।’

अदालत ने यह भी कहा कि राज्यपाल ने थॉमस को नियुक्त करने से पहले सभी संभावित विकल्पों पर विचार किया था।

इसने यह स्वीकार करते हुए कि, कुलपति के नाम की सिफारिश करने का अधिकार राज्य सरकार के पास है, राज्यपाल के इस तर्क को स्वीकार किया कि यूजीसी के नियमों के अनुसार अस्थायी नियुक्तियां की जा सकती हैं।

हाल में उच्चतम न्यायालय ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमों के विपरीत होने के कारण विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति को रद्द कर दिया था।

राज्यपाल ने बाद में प्रभारी कुलपति की नियुक्ति की जिसे अदालत में चुनौती दी गई।

भाषा नेत्रपाल मनीषा

मनीषा