कोविड-19 की तीसरी लहर के मद्देनजर सार्वजनिक स्थलों पर छठ पूजा की मंजूरी से अदालत का इनकार

कोविड-19 की तीसरी लहर के मद्देनजर सार्वजनिक स्थलों पर छठ पूजा की मंजूरी से अदालत का इनकार

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  • Publish Date - November 18, 2020 / 10:42 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:24 PM IST

नयी दिल्ली, 18 नवंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोविड-19 के मद्देनजर सार्वजनिक स्थलों जैसे तालाबों और नदी तटों पर छठ पूजा के आयोजन पर दिल्ली सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।

उच्च न्यायालय ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में इस संक्रमण की तीसरी लहर चल रही है और ऐसे में बड़ी संख्या में लोगों को एकत्रित होने की अनुमति देने का परिणाम लोगों को ‘सुपर स्प्रेडर’ बनाना होगा।

न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के अध्यक्ष द्वारा जारी प्रतिबंध के आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका को खारिज कर दिया। डीडीएमए ने 10 नवंबर को अपने आदेश में कहा था कि 20 नवंबर को छठ पूजा के लिए सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ के एकत्रित होने की अनुमति नहीं होगी।

याचिकाकर्ता दुर्गा जन सेवा ट्रस्ट ने छठ पूजा के लिए 1000 लोगों के इकट्ठा होने की अनुमति मांगी है।

इस पर पीठ ने कहा, ‘‘ वाकई, आज जब दिल्ली सरकार शादियों में 50 से अधिक व्यक्तियों को इजाजत नहीं दे रही है तब आप बस 1000 लोग चाहते हैं। कैसे आये?’’

पीठ ने कहा कि प्रशासन ने दिल्ली में संक्रमण के प्रसार को ध्यान में रखते हुए यह आदेश जारी किया, ऐसे में आपकी याचिका में दम नहीं है।

पीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि मौजूदा समय में इस तरह की याचिका जमीनी सच्चाई से परे है।

अदालत ने कहा कि प्रतीत होता है कि याचिकाकर्ता कोविड-19 की स्थिति से परिचित नहीं है।

भाषा राजकुमार पवनेश

पवनेश