न्यायालय ने अपनी सहपाठी के साथ घर से भागे लड़के के खिलाफ पॉक्सो मामला रद्द किया

न्यायालय ने अपनी सहपाठी के साथ घर से भागे लड़के के खिलाफ पॉक्सो मामला रद्द किया

  •  
  • Publish Date - September 10, 2022 / 04:23 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:07 PM IST

बेंगलुरु, 10 सितंबर (भाषा) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने उन दो नाबालिगों के परिवारों के बीच हुए समझौते को मंजूरी प्रदान दी, जिनके बीच यौन संबंध रहे थे और इसके चलते नाबालिग लड़के के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत आरोप लगाया गया था।

न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना ने आरोपी लड़के के खिलाफ निचली अदालत में लंबित सुनवाई को रद्द कर दिया जो दिसंबर 2021 में शिकायत दर्ज कराने के दौरान नाबालिग था।

मामले के मुताबिक लड़का-लड़की सहपाठी थे, जो घर से भाग गए थे। परिजन की शिकायत के बाद तलाश करने पर वे दूसरे जिले में मिले थे। लड़के पर भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो अधिनियम की धारा 5 के तहत बलात्कार का आरोप लगाया गया था।

मामला निचली अदालत में लंबित होने के बीच हाल में इसे रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया था। दोनों नाबालिगों के परिवार समझौता कर चुके थे और मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहते थे। उच्च न्यायालय ने कहा कि इस स्थिति में लड़के को बरी कर दिया जाएगा।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मैं समझौते का संज्ञान लेने और इसे स्वीकार करने को उचित समझता हूं, ऐसा नहीं करने पर छात्र का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।’’

भाषा शफीक देवेंद्र

देवेंद्र