अदालत ने नरेश बाल्यान के सहयोगी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट रद्द करने से इनकार किया

अदालत ने नरेश बाल्यान के सहयोगी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट रद्द करने से इनकार किया

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  • Publish Date - February 10, 2025 / 08:51 PM IST,
    Updated On - February 10, 2025 / 08:51 PM IST

नयी दिल्ली, 10 फरवरी (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने मकोका मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता नरेश बाल्यान के एक कथित सहयोगी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट रद्द करने से सोमवार को इनकार कर दिया।

विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने कहा कि याचिकाकर्ता उम्मेद सिंह ने अपने खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट को वापस लेने के लिए कोई पर्याप्त आधार नहीं दिखाया।

जांच अधिकारी द्वारा दायर अर्जी पर 21 जनवरी को सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि आरोपी जानबूझकर गिरफ्तारी से बच रहा है और उसके घर और ठिकानों पर लगातार छापेमारी के बावजूद उसका पता नहीं चल पा रहा है।

विशेष लोक अभियोजक अखंड प्रताप सिंह के अनुसार, बाल्यान ने सिंह के नाम पर समझौतों का इस्तेमाल किया।

उन्होंने कहा कि समझौतों के बाद, बाल्यान ने संपत्तियों को विवादित स्थिति में लाने के लिए हेरफेर किया, कथित सिंडिकेट नेता कपिल सांगवान को शामिल किया, ताकि वह वैध विक्रेताओं को उनकी संपत्तियों को समझौते में उल्लिखित राशि से बहुत कम कीमत पर बेचने के लिए धमका सके।

न्यायाधीश ने आरोपी की इस दलील को खारिज कर दिया कि वह ‘‘पारिवारिक मुद्दों’’ में व्यस्त था।

न्यायाधीश ने 15 जनवरी को मकोका (महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून) के तहत दर्ज मामले में बाल्यान को जमानत देने से इनकार कर दिया था।

बाल्यान को चार दिसंबर को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था, जबकि एक अदालत ने जबरन वसूली के एक मामले में उन्हें जमानत दे दी थी।

भाषा आशीष नोमान

नोमान