कोरोना माता मंदिर गिराने का मामला, कोर्ट ने खारिज की याचिका, प्रक्रिया का दुरुपयोग बताया

Court rejects petition, terms misuse of process कोरोना माता मंदिर को गिराने का मामला: न्यायालय ने याचिका खारिज की, प्रक्रिया का दुरुपयोग बताया

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  • Publish Date - October 9, 2021 / 02:02 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:02 PM IST

नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में एक महिला द्वारा अपने पति के साथ मिलकर निर्मित ‘‘कोरोना माता मंदिर’’ को ध्वस्त किये जाने के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका ‘‘प्रक्रिया का दुरुपयोग’’ बताते हुए खारिज कर दी।

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न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने याचिका खारिज करने के साथ ही याचिकाकर्ता पर 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। पीठ ने साथ ही कहा कि जिस जमीन पर मंदिर बनाया गया था, वह विवादित थी।

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शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता की दलील है कि यह उसकी निजी जमीन है और निर्माण स्थानीय नियमों के अनुसार किया गया है तो उसने उचित कानूनी उपाय का इस्तेमाल नहीं किया।

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पीठ ने कहा, ‘‘अब तक, याचिकाकर्ता ने इस देश के लोगों को संक्रमित करने वाली अन्य सभी संभावित बीमारियों के लिए मंदिरों का निर्माण नहीं किया है। भूमि ही विवादित थी, जैसा कि दर्ज किया गया है। इस संबंध में पुलिस में एक शिकायत की गई थी।’’

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पीठ ने कहा, ‘‘हमारा विचार है कि यह स्पष्ट रूप से भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत इस न्यायालय के अधिकार क्षेत्र की प्रक्रिया का दुरुपयोग है। रिट याचिका को 5,000 रुपये का जुर्माना लगाने के साथ खारिज किया जाता है। जुर्माने की राशि चार सप्ताह के भीतर सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड वेलफेयर फंड में जमा करायी जाए।’’