पटना। बिहार के बोधगया मंदिर धमाके मामले में पांचो दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। साथ ही उन पर 40-40 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। शुक्रवार को यह फैसला एनआईए कोर्ट ने सुनाया। 7 जुलाई 2013 को महाबोधि मंदिर और उसके आसपास 9 ब्लास्ट हुए थे। धमाकों में एक बौद्ध भिक्षु समेत 5 लोग जख्मी हुए थे।
गुरुवार को सजा पर हुई बहस के दौरान एनआईए के वकील ने अदालत के सामने तर्क रखे। उन्होंने कहा कि इन आतंकियों की प्लानिंग लोगों की हत्या करने की थी। इनके निशाने पर कई बड़े लोग थे। धमाकों का मास्टरमाइंड रांची के डोरंडा का निवासी हैदर था। इसने बौद्ध भिक्षु बनकर विस्फोट को अंजाम दिया था।
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दूसरा आरोपी मुजीबुल्लाह है जो कि रांची के चकला गांव का रहने वाला है। तीसरा आरोपी इम्तियाज रांची के ही ध्रुवा गांव का निवासी है, इसने हैदर की सहायता की थी। चौथा आरोपी छत्तीसगढ़ के रायपुर का निवासी उमर है। साजिश इसी के घर बुनी गई थी। चौथा आरोपी अजहर भी रायपुर का ही है। पांचवा आरोपी नाबालिग है। जेजे बोर्ड गायघाट बोर्ड ने नवंबर 2017 में उसे दोषी पाते हुए 3 साल के लिए बाल संप्रेक्षण गृह भेजा था।
बता दें कि ये सभी आतंकी 27 अक्टूबर 2013 को पटना के गांधी मैदान की हुंकार रैली में धमाके के भी आरोपी हैं। इस मामले की सुनवाई 4 जून से होगी।
वेब डेस्क, IBC24